Very Interesting Story: नोएडा। टेस्ट में पेपर खराब होने के बाद फेल होने के डर से चाचा के घर से 21 जुलाई 2023 को लापता हुए किशोर को नोएडा पुलिस ने बुधवार को दिल्ली के बंगला साहिब गुरूद्वारे के पास से सकुशल बरामद कर लिया। इस दौरान किशोर कुछ दिन हरिद्वार समेत अन्य जगहों पर भी रहा। किशोर को सकुशल बरामद करने वाली टीम को डीसीपी नोएडा की ओर से 25 हजार रुपये का इनाम दिया गया है। पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने भी टीम का उत्साहवर्धन किया है।
डीसीपी नोएडा विद्यासागर मिश्र (DCP Noida Vidyasagar Mishra) ने बताया कि बीते साल जुलाई में सेक्टर-22 निवासी अखंड प्रताप सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि उनका 14 वर्षीय भतीजा रनवीर शाम चार बजे कोचिंग के लिए निकला था पर वह वहां नहीं पहुंचा। देर रात तक भी जब किशोर घर नहीं लौटा तो इसकी शिकायत पुलिस से की गई। मामला संवेदनशील होने के कारण किशोर के सकुशल बरामदगी के लिए दो टीमें गठित की गईं। किशोर को टीमें कई दिन तक तक तलाशती रहीं पर उसका कोई सुराग नहीं मिला। परिजन भी उसके साथ अनहोनी होने की आशंका जताने लगे। एक टीम लगातार इस मामले को देख रही थी। चार दिन पहले किशोर की एक तस्वीर इंस्टाग्राम पर कुछ युवकों के साथ दिखी। इंस्टाग्राम पोस्ट की लोकेशन हरिद्वार की थी। इसके बाद एडिशनल डीसीपी की अगुवाई में टीम को हरिद्वारा के लिए रवाना किया गया। टीम ने पोस्ट में दिख रहे युवकों से जब संपर्क किया तो पता चला कि किशोर इस समय दिल्ली में है। इसके बाद टीम दिल्ली पहुंची और जब वह बंगला साहिब गुरुद्वारे से लंगर खाकर निकल रहा था तभी टीम के साथ गए उसके चाचा ने बच्चे को पहचान लिया। किशोर को उसके चाचा के सुपुर्द कर दिया गया। भतीजे को सही सलामत देख उसके चाचा गुरुद्वारे के बाहर ही उससे लिपटकर रोने लगे। उन्होंने पुलिस का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उनके ऊपर एक कलंक लग गया था जिसे नोएडा पुलिस ने मिटा दिया है। नोएडा डीसीपी विद्यासागर मिश्र (DCP Noida Vidyasagar Mishra) ने बताया कि करीब दस महीने पहले लापता हुए किशोर को पुलिस टीम के अथक प्रयास से तलाश लिया गया है। टेस्ट में फेल होने के डर से किशोर घर से लापता हुआ था। किशोर को तलाशने वाली टीम को पुरस्कृत किया जाएगा।
बार-बार पढ़ने के लिए कहने पर छोड़ा घर
पुलिस की टीम ने जब किशोर से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसके पिता छत्तीसगढ के सरदूजा जिले के अम्बिकापुर कस्बे में कारोबार करते हैं। रनवीर का बचपन से ही पढ़ने में मन नहीं लगता था। पढ़ने के लिए रनवीर के पिता ने उसे अपने भाई अखंड के पास नोएडा भेजा। अखंड प्रताप सिंह गणित के शिक्षक हैं। चाचा ने रनवीर का सेक्टर-22 स्थित एक निजी स्कूल में दाखिल नौंवी कक्षा में करा दिया और उसे खुद ही कोचिंग पढ़ाने लगे। चाचा के पास आने के बाद भी किशोर का मन पढ़ाई में नहीं लगा। किशोर का स्कूल में यूनिट टेस्ट काफी खराब हुआ। उसे कम अंक आने का डर सताने लगा। टेस्ट का परिणाम खराब आने की आशंका के चलते वह घर से कोचिंग के लिए निकला पर वह सेक्टर-37 से बस में बैठकर कनॉट पैलेस पहुंच गया। वह बंगला साहिब गुरुद्वारे में दोनों पहर लंगर खाता और वहीं पर सो जाता। बारिश होने पर वह दिल्ली स्टेशन चला जाता। जब उसे घर की याद आती तो वह नोएडा की तरफ घूमने आ जाता। तीन सप्ताह पहले वह घूमने के लिए हरिद्वार भी गया था।