चुनाव में नया ‘एम’ फैक्टर ने दिखा दिया दम

Electoral ‘M’ Factor News: बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम आज सामने आने वाले हैं। 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में हुए मतदान के बाद अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 20 साल पुरानी सत्ता को बचाने में महिलाओं का वोट निर्णायक साबित होगा? विशेषज्ञों का मानना है कि नीतीश की नई मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना (MMRY) इस बार ‘महिला’ को चुनावी ‘एम’ फैक्टर बना रही है।

MMRY: 75 लाख महिलाओं के खाते में 10 हजार रुपये
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में इस योजना की शुरुआत की। इसके तहत हर पात्र परिवार की एक महिला को उद्यम शुरू करने के लिए 10,000 रुपये की प्रारंभिक सहायता दी जा रही है। सफलता के आधार पर आगे 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त मदद भी मिलेगी। नीतीश सरकार ने इसे मध्य प्रदेश की लाड़ली बहना योजना और महाराष्ट्र की लड़की बहिन योजना से प्रेरित बताया, लेकिन राशि और उद्देश्य में इसे और बड़ा बनाया है।
“पति जिसे चाहें वोट दें, हम एकनाथ शिंदे को देंगे – क्योंकि पैसा हमारे हाथ में आया।”
– महाराष्ट्र के औरंगाबाद की महिलाओं का बयान (2024 चुनाव से पहले)

महिला वोटरों का बढ़ता प्रभाव
पिछले तीन विधानसभा चुनावों (2010, 2015, 2020) में महिला मतदाताओं की भागीदारी पुरुषों से अधिक रही है। नीतीश ने इसे भांपते हुए कई कदम उठाए:
• 2005: स्कूल जाने वाली लड़कियों को साइकिल-यूनिफॉर्म योजना
• 2016: शराबबंदी (महिलाओं की मांग पर)
• आरक्षण: पंचायतों में 50%, नौकरियों में 35%, पुलिस में 35% महिलाओं के लिए
ग्रामीण इलाकों में युवतियों से बात करने पर चौंकाने वाला जवाब मिला: 70% पुलिस बनना चाहती हैं – क्योंकि यह शक्ति और स्वतंत्रता का प्रतीक है।

नीतीश की चुनौतियाँ: थकान, भ्रष्टाचार, स्वास्थ्य
• 20 साल की सत्ता → एंटी-इनकंबेंसी
• भ्रष्टाचार के आरोप
• स्वास्थ्य खराब → “डूबता सितारा” की उपाधि
• प्रशांत किशोर का जन सुराज → नई राजनीति की चुनौती
फिर भी, बीजेपी ने नीतीश को ही NDA का चेहरा बनाया – महिला वोट बैंक की ताकत को देखते हुए।

विपक्ष का जवाब
तेजस्वी यादव ने ‘माई बहिन मान योजना’ का वादा किया:
हर गरीब-वंचित महिला को महीने में 2,500 रुपये
लेकिन नीतीश की क्रेडिबिलिटी अभी भी महिलाओं में ऊपर बनी हुई है।

राष्ट्रीय असर
अगर नीतीश जीते, तो MMRY जैसी योजनाएँ पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल (2026) और उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब (2027) में भी लॉन्च हो सकती हैं।
महिलाओं के हाथ में पैसा = परिवार का बेहतर भविष्य
“जो महिला को सशक्त बनाता है, वही सत्ता में रहता है।”
– बिहार की नई राजनीतिक हकीकत
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