Vadodara bridge accident: लटके टैंकर को हटाने का काम शुरू, इस हादसे में करीब 20 लोगों की गई थी जान

Vadodara bridge accident : गुजरात के वडोदरा जिले में 9 जुलाई 2025 को हुए गंभीरा पुल हादसे के बाद, महिसागर नदी पर टूटे पुल के ढांचे पर लटके एक टैंकर को हटाने का अभियान आज शुरू हो गया है। इस दर्दनाक हादसे में 20 लोगों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हुए थे।

आणंद और वडोदरा को जोड़ने वाला यह 40 साल पुराना गंभीरा पुल अचानक ढह गया था, जिसके चलते कई वाहन नदी में गिर गए थे। हादसे के दौरान एक केमिकल से भरा टैंकर पुल के टूटे हिस्से पर लटक गया था, जो पिछले 26 दिनों से उसी स्थिति में था। टैंकर के मालिक ने इसे हटाने के लिए सरकार से मदद की अपील की थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रशासन को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दे दिए थे जिसके बाद कार्यवाई शुरू कर दी गई है।

आणंद के जिला कलेक्टर प्रवीण चौधरी ने बताया कि टैंकर को हटाने के लिए विशेष तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, क्योंकि मौजूदा ढांचे पर भारी मशीनरी ले जाना संभव नहीं है। सूत्रों के अनुसार, टैंकर को सुरक्षित रूप से उतारने के लिए ‘बैलून तकनीक’ का उपयोग करने की योजना बनाई गई है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है। इस अभियान में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें भी शामिल हैं।

हादसे के बाद शुरू हुए बचाव कार्यों में अब तक 19 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि दो लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। प्रशासन ने हादसे की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है, और चार इंजीनियरों को निलंबित किया गया है। प्रारंभिक जांच में पुल की मरम्मत और रखरखाव में लापरवाही की बात सामने आई है।

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित विपक्षी दलों ने इस हादसे को ‘मानव निर्मित त्रासदी’ करार देते हुए सरकार पर भ्रष्टाचार और लापरवाही का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उनकी लड़ाई को सड़क से संसद तक उठाने का वादा किया।

यह हादसा गुजरात में हाल के वर्षों में हुए कई पुल हादसों की कड़ी में एक और दुखद घटना है। 2022 में मोरबी पुल हादसे में 135 लोगों की मौत के बाद सरकार ने सभी पुलों की मजबूती जांचने का दावा किया था, लेकिन गंभीरा पुल हादसे ने इन दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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