Uttarkashi Cloudburst: उत्तरकाशी/देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री हाईवे पर सिलाई बैंड के पास शनिवार देर रात बादल फटने की घटना में भीषण तबाही मच गई। इस हादसे में एक निर्माणाधीन होटल की साइट पूरी तरह से तबाह हो गई, जिससे वहां रह रहे कई मजदूर लापता हो गए। प्रशासन और एसडीआरएफ ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। घटना की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों से तत्काल रिपोर्ट मांगी और रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के निर्देश दिए।
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मलबे में दबे मजदूर, 9 लापता, 10 सुरक्षित
देर रात करीब 12 बजे हुई इस घटना के समय कई मजदूर टेंट में सो रहे थे। बड़कोट थाना अध्यक्ष दीपक कठेत ने बताया कि तेज सैलाब की चपेट में आने से कई लोग बह गए। 19 मजदूरों में से 10 को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि 9 मजदूरों की तलाश जारी है, जिनमें 5 नेपाली मूल के, 3 देहरादून निवासी और एक उत्तर प्रदेश का है। डीएम प्रशांत आर्य ने बताया कि रेस्क्यू टीम लगातार मलबे में फंसे लोगों की तलाश में लगी है। 10 सुरक्षित मजदूरों को प्रशासन ने पालीगाड़ पहुंचाकर घर भेज दिया है।
मुख्यमंत्री लगातार संपर्क में
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर घटना को दुखद बताया और कहा कि एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य टीमें मौके पर तैनात हैं। उन्होंने कहा, “मैं स्वयं इस घटना की मॉनिटरिंग कर रहा हूं और सभी संबंधित अधिकारियों से लगातार संपर्क में हूं।”
बचाव में मुश्किलें, मशीनें नहीं पहुंच पा रहीं
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि सेना और पुलिस के जवानों के साथ कुल 15 लोग रेस्क्यू में लगे हैं और 45 से अधिक लोग रास्ते में हैं। लेकिन भारी मलबे और दुर्गम रास्तों के चलते मशीनें मौके पर नहीं पहुंच पा रहीं, जिससे बचाव कार्य में काफी मुश्किलें आ रही हैं।
संभावना है कि कुछ मजदूर मलबे में दबे हैं या फिर चट्टानों व नदी में बह गए हैं।
सिलाई बैंड सहित यमुनोत्री हाईवे कई जगह बंद
बादल फटने के बाद यमुनोत्री हाईवे पर सिलाई बैंड, ओजरी और डाबरकोट के पास सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। एनएच की टीमें मार्ग खोलने में जुटी हैं, लेकिन हालात चुनौतीपूर्ण हैं।
ओजरी के पास सड़क पूरी तरह बह गई है, और कई खेत मलबे से भर गए हैं।
यमुना नदी का बहाव रुका, बनी झील
स्याना चट्टी क्षेत्र के कुपड़ा-कुनसाला मोटर मार्ग पर पुल के पास भारी बोल्डर गिरने से यमुना नदी का प्रवाह रुक गया है, जिससे अस्थायी झील बनने लगी है। स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। जयपाल सिंह रावत नामक स्थानीय निवासी ने बताया कि झील का पानी होटल की सीढ़ियों तक पहुंच गया है।
चारधाम यात्रा 24 घंटे के लिए स्थगित
इसी बीच मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों- देहरादून, बागेश्वर, नैनीताल, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी जारी की है और चारधाम यात्रा को अगले 24 घंटों के लिए स्थगित कर दिया है. वहीं, उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर श्याना चट्टी के पास झील बनने से निचले इलाकों में खतरा बढ़ गया है. यमुनोत्री राष्ट्रीय तीर्थ के श्याना चट्टी झील के पास बनने से नासिक में खतरा बढ़ा गया.
आजतक से फोन पर बातचीत में गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने कहा कि यात्रा पर रोक के चलते ऋषिकेश पहुंचे श्रद्धालुओं को वहीं रोका गया है. बद्रीनाथ और केदारनाथ के लिए जो श्रद्धालु ऋषिकेश से आगे निकल गए हैं. उन्हें पौड़ी के श्रीनगर या रुद्रप्रयाग में रोका जा रहा है. यमुनोत्री और गंगोत्री जाने वाले श्रद्धलुओं को देहरादून के विकासनगर और उत्तरकाशी के बड़कोट, उत्तरकाशी शहर में रोक जाएगा जो यात्री इस वक्त चारधाम में दर्शन कर रहे हैं या पहुंच गए हैं, उन्हें पूरी सुरक्षा के तहत नीचे लाने के आदेश दिए गए हैं.
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