बुलडोजर कार्रवाई को योगी मॉडल बताने वालों पर बवाल

Building Construction Department News: बिहार सरकार में भवन निर्माण विभाग के कैबिनेट मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने अवैध निर्माणों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सत्ताधारी गठबंधन के सहयोगी बीजेपी के नेताओं पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “यह सम्राट चौधरी का मॉडल क्यों होगा? सीएम योगी का मॉडल क्यों होगा? सम्राट जी योगी जी से कम हैं क्या?” चौधरी का यह बयान बिहार में चल रही बुलडोजर कार्रवाई को लेकर उपजे विवाद के बीच आया है, जहां विपक्ष और कुछ सहयोगी दल इसे ‘उत्तर प्रदेश मॉडल’ का अनुसरण बता रहे हैं।

मंत्री चौधरी ने पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में चल रही कार्रवाई पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के तहत हो रही है और यह किसी एक व्यक्ति या राज्य के मॉडल पर आधारित नहीं है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का नाम लेते हुए तंज कसा कि यदि यह योगी आदित्यनाथ का मॉडल है, तो सम्राट चौधरी को इससे जोड़ना अन्याय है। चौधरी ने जोर देकर कहा, “हमारी कार्रवाई का उद्देश्य अवैध अतिक्रमण हटाना है, न कि किसी राजनीतिक मॉडल को थोपना। बिहार की अपनी पहचान है, और सम्राट जी जैसे वरिष्ठ नेता इसका हिस्सा हैं।”

यह बयान बिहार में हाल के दिनों में तेज हुई बुलडोजर कार्रवाई के संदर्भ में आया है। पटना, मुजफ्फरपुर और दरभंगा जैसे जिलों में अवैध निर्माणों और माफिया संपत्तियों पर बुलडोजर चलाए गए हैं, जिसे सरकार ने ‘शहरीकरण और कानून व्यवस्था’ के लिए जरूरी बताया है। हालांकि, विपक्षी दलों ने इसे ‘तानाशाही’ करार दिया है, जबकि बीजेपी के कुछ नेताओं ने इसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘माफिया विरोधी अभियान’ से प्रेरित बताया। सम्राट चौधरी, जो बीजेपी के प्रमुख नेता हैं, ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था कि बिहार में भी ‘बुलडोजर जस्टिस’ की जरूरत है, जिसे अशोक चौधरी ने अप्रत्यक्ष रूप से निशाने पर लिया।

जदयू के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष चौधरी ने पार्टी के आधिकारिक स्टैंड को दोहराते हुए कहा कि नीतीश कुमार सरकार विकास और कानून के राज पर चल रही है। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, “जो लोग बुलडोजर को योगी मॉडल कह रहे हैं, वे भूल जाते हैं कि बिहार का मॉडल नीतीश जी का है, जिसमें समानता और न्याय शामिल है।” चौधरी ने यह भी स्पष्ट किया कि कार्रवाई में कोई राजनीतिक भेदभाव नहीं किया जा रहा, और सभी प्रभावित पक्षों को न्यायिक प्रक्रिया का मौका दिया जा रहा है।

इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “यह बयान गठबंधन के भीतर असंतोष को आगे चलकर बढ़ावा देगा। बुलडोजर कार्रवाई को योगी मॉडल बताना हमारी रणनीति का हिस्सा था, लेकिन जदयू इसे पचा नहीं पा रही।” वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने चौधरी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि बुलडोजर कार्रवाई ‘गरीब-विरोधी’ है और इसे तत्काल रोका जाए।

बिहार में बुलडोजर कार्रवाई का दौर पिछले दो महीनों से जारी है, जिसमें सैकड़ों अवैध संपत्तियां ध्वस्त की जा चुकी हैं। सरकार का दावा है कि इससे अपराध दर में कमी आई है, लेकिन मानवाधिकार संगठनों ने इसे ‘असंवैधानिक’ बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद आगामी विधानसभा चुनावों से पहले गठबंधन की एकजुटता को परखेगा।

मंत्री चौधरी ने संवाददाता सम्मेलन के अंत में कहा, “बिहार आगे बढ़ रहा है, और हम किसी के मॉडल की नकल नहीं कर रहे। हमारा मॉडल बिहारियों का है।” यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जहां समर्थक और आलोचक दोनों इसे लेकर बहस कर रहे हैं।

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