UPPCL: यूपी में ब‍िजली उपभोक्‍ताओं को बड़ा झटका, नया कनेक्‍शन की दरें दोगुनी
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UPPCL: यूपी में ब‍िजली उपभोक्‍ताओं को बड़ा झटका, नया कनेक्‍शन की दरें दोगुनी

UPPCL: लखनऊ। प्रदेश में बिजली का नया कनेक्शन लेना जल्द ही महंगा होने वाला है। पावर कारपोरेशन ने बिजली कनेक्शन के लिए विभिन्न विद्युत सामग्री की दरों को नए सिरे से तय करते हुए संशोधित कास्ट डाटा बुक का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग में दाखिल किया है। इन संशोधित दरों(कास्ट डाटा बुक) में जो प्रस्ताव शामिल किए गए हैं, उससे गरीब ग्रामीणों को भी नया कनेक्शन लेने पर 44 फीसदी अधिक भुगतान करना होगा। औद्योगिक कनेक्शन की दरों में 50 से 100 फीसदी तक वृद्धि की गई है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने सोमवार को यह जानकारी दी।

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उन्होंने बताया कि कारपोरेशन द्वारा दो दिन पहले आयोग में दाखिल संशोधित प्रस्ताव में उपभोक्ता सामग्री की दरों में भारी वृद्धि प्रस्तावित है। उद्योगों और बड़े उपभोक्ताओं को नये कनेक्शन की सिक्योरिटी धनराशि में 100 फीसदी से अधिक वृद्धि प्रस्तावित की गई है। इससे पूर्व 2019 में कास्ट डाटा बुक जारी की गई थी, जो अभी लागू है।

इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी की बैठक में दरों पर विस्तृत चर्चा के बाद आयोग कास्ट डाटा बुक को अंतिम रूप देगा। संशोधित कास्ट डाटा बुक में कारपोरेशन प्रबंधन ने दो किलोवाट तक कनेक्शन के लिए लेबर एंड ओवरहेड चार्ज की दर को 150 रुपए से बढ़ाकर 564 रुपए कर दिया है। इससे बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले) व छोटे विद्युत उपभोक्ताओं के नए कनेक्शन के खर्चे में लगभग 44 प्रतिशत की वृद्धि होगी।

1032 की जगह अब देने होंगे 1486
इसी तरह गांव के एक किलोवाट लाइफ लाइन उपभोक्ता को नए कनेक्शन के लिए बिना जीएसटी के 1032 रुपये देने होते थे, जिसे 1486 रुपये प्रस्तावित किया गया है। शहरी घरेलू कनेक्शन का खर्चा भी लगभग 30-35 प्रतिशत बढ़ेगा। प्रस्तावित कास्ट डाटा बुक में सिंगल फेज स्मार्ट मीटर की दर 3,822 रुपये व थ्री फेज की 6,316 रुपये दी गई है।

बता दें क‍ि विद्युत सामग्री की मौजूदा दरें वर्ष 2019 की कास्ट डाटा बुक के अनुसार लागू है। वैसे तो तीन वर्ष बाद ही कास्ट डाटा बुक की दरों को संशोधित करने की व्यवस्था है, लेकिन करीब पांच वर्ष बाद दरों को नए सिरे से तय करने का प्रस्ताव है। चूंकि पांच वर्ष पुरानी दरें होने से कारपोरेशन प्रबंधन को नुकसान हो रहा है, इसलिए उसने आयोग में दाखिल प्रस्ताव में यह भी लिखा है कि भविष्य में दो वर्ष के अंतराल में यदि कास्ट डाटा बुक न बन पाए तो प्रत्येक वर्ष मौजूदा दरों में सात प्रतिशत की बढ़ोतरी स्वतः मान ली जाए।

संशोधित कास्ट डाटा बुक में प्रस्तावित दरों को असंतुलित बताते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि ऐसा लगता है कि कारपोरेशन प्रबंधन ने जल्दबाजी में मनमाने तरीके से दरें तय की हैं। वर्मा ने बताया कि प्रस्तावित दरों में विसंगतियों के मामले को रिव्यू पैनल सब कमेटी में वह सदस्य होने के नाते उठाएंगे ताकि उपभोक्ताओं पर अनावश्यक भार न पड़े।

कॉरपोरेशन ने दाखिल की संशोधित दरें

पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने राज्य विद्युत नियामक आयोग में नए कनेक्शन पर उपभोक्ता सामग्रियों की दरों को तय करने के लिए संशोधित दरें दाखिल कर दी हैं। कारपोरेशन ने विलंब पर कोई बात नहीं करते हुए यह लिखा है कि यदि अगले दो वर्ष बाद दरें समय से नहीं बढ़ पाए तो हर वर्ष सात फीसदी की बढ़ोतरी मान ली जाए। उधर, विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कहा है कि कास्ट डाटा बुक की विसंगतियों का मुद्दा सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी की बैठक में उठाया जाएगा।

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प्रोसेसिंग फीस में बढ़ोतरी रुपये में
प्रोसेसिंग फीस वर्तमान दर प्रस्तावित दर
एक किलोवाट लाइफ लाइन 10 10
एक किलोवाट लाइफ लाइन छोड़कर 50 100
एक किलोवाट के ऊपर, 25 से कम 100 100
25 किलोवाट से 50 किलोवाट तक 1000 5000
56 केवीए से 500केवीए तक 5000 10000
500 केवीए से 3000 केवीए तक 10000 15000
3000 केवीए से10000 केवीए तक 15000 25000
10000 केवीए से ऊपर 25000 50000

उपभोक्ता सामग्रियों में बढ़ोतरी
उपभोक्ता सामग्रियां वर्तमान दर प्रस्तावित दर बढ़ोतरी
25 केवीए ट्रांसफार्मर 56780 69006 22 फीसदी
सिंगल फेस मीटर 872 912 5 फीसदी
3 फेस मीटर 2921 2285 19 फीसदी कमी
पीसीसी पोल 2721 3243 19 फीसदी

सिक्योरिटी में प्रस्तावित बढ़ोतरी (रुपये/किलोवॉट)
श्रेणी वर्तमानदर प्रस्तावित दर बढोतरी
स्मॉल एंड मीडियम पावर 1350 3000 122 फीसदी
नॉन इंडस्ट्रियल लोड 4500 6000 33 फीसदी
लार्ज एंड हैवी 2200 5000 127 फीसदी
चार्जिंग सबस्टेशन 400 3000 650 फीसदी

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