UP News: अमरोहा: भारतीय किसान यूनियन (संयुक्त मोर्चा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश चौधरी ने आम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि खेती को घाटे से उबारने के लिए बजट में व्यवस्था नहीं की गई है। श्री चौधरी ने कहा कि केंद्रीय बजट में किसानों और युवाओं के लिए वैसे तो बड़े एलान किए गए हैं। जिसमें किसानों को 50 फीसदी मार्जिन मनी देने का वादा पूरा किया गया है।
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उन्होने कृषि विशेषज्ञों का हवाला देते हुए कहा कि कृषि में रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद किसान की आय में वृद्धि नहीं होने, कृषि बाज़ार बिचौलियों के हाथ में चले जाने तथा जीडीपी ग्रोथ के बड़े दावों के बावजूद ग्रामीण क्षेत्र में रोज़गार नहीं बढ़े?महंगाई समायोजित करने के बाद कृषि बजट में वृद्धि नाममात्र की है, प्राकृतिक खेती एवं दलहन तिलहन मिशन की वही पुरानी स्कीम,बजट में किसानों की आमदनी बढ़ने एवं खेती के प्रोत्साहन के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई।
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उन्होने कहा कि खाद्य महंगाई के बावजूद किसानों की आय में बढ़ोतरी नहीं होने को लेकर भी सवाल बाकी है। गांवों में फिलहाल महंगाई दर सात फीसदी से कहीं ज्यादा है, जिसका सीधा असर गांवों में ट्रैक्टर, उपभोक्ता उत्पादों की मांग पर पड़ रहा है।
किसान नेता ने कहा कि यह भारत में ग्रामीण आय घटने का सबसे लंबा दौर है। महंगाई बढ़े तो किसान की कमाई भी बढ़नी चाहिए। जिंसों की कीमत बढ़ने से शुरुआत में तो किसानों को लाभ होता है मगर बाद में नुकसान उठाना पड़ता है।भारत में यह मशीन उल्टी चल रही है। रोज़गार घटने का असर बजट पर जरूर दिखाई दिया है।
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