UP News: फिरोजाबाद। भाजपा और बसपा की फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर करारी हार और सपा की आसानी से दर्ज की गई जीत को लेकर सपा के रणनीतिकारों की दूरगामी सोच काम कर गई। सपा ने अपने प्रत्याशी को पहले ही घोषित कर दिया था और लोगों के बीच गांव गांव पहुंचाया। भाजपा और बसपा में रस्साकशी जैसी हालत बनी रही और अंतिम समय में आए प्रत्याशी जनता के दरवार तक नहीं जा सके। लोगों ने इन थोपे गए प्रत्याशियों को पसंद नहीं किया और मतदान में पार्टियों को आइना भी दिखा दिया।
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फिरोजाबाद का लोकसभा चुनाव कई मायनों में इस बार सपा के पक्ष में शुरूआत से ही दिखाई दे रहा था। कारण अक्षय यादव को एक साल पहले ही पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतार दिया। उनको गांव गांव पहुंचाया। लोगों से मिलने का समय दिया और पार्टी की नीतियों के साथ केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के खिलाफ माहौल बनाने का मौका दिया।
इसके ठीक उलट भाजपा में टिकट के दावेदार तो काफी थे लेकिन पार्टी ने सभी को दरकिनार कर दिया। बसपा छोड़कर कुछ समय पहले ही भाजपा में आए विश्वदीप सिंह को पार्टी का प्रत्याशी घोषित करके सबको चौंका दिया था। विश्वदीप के प्रत्याशी बनने के बाद ही तमाम दावेदार और उनके समर्थक जहां दूरी बना गए थे तो वहीं तमाम भाजपाई अंदरखाने विरोध करते हुए भाजपा के लिए जनसंपर्क भी करते नजर आए। स्वयं ठाकुर मतदाता भी प्रत्याशी को पसंद नहीं कर पा रहा था।
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