UP News: क्वालिटी ऑफ एजुकेशन पर पूरा फोकस: मुख्यमंत्री

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UP News: लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष जोर देने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का खजाना जनता के पैसे से चलता है, और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए धन की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रदेश के सभी विद्यालयों में शिक्षक उपलब्ध होने चाहिए और शिक्षक-छात्र अनुपात को बेहतर बनाए रखा जाए। सरकार ऑपरेशन कायाकल्प के तहत 19 पैरामीटर्स को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रही है। परिषदीय विद्यालयों में शौचालय, पेयजल, विद्युत व्यवस्था, बाउंड्रीवाल, गेट और फर्नीचर की सुविधा सुनिश्चित की जा रही है।

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मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालयों का निर्माण

प्रदेश में कक्षा 1 से 12 तक के लिए मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालयों का निर्माण किया जा रहा है। 26 जनपदों के लिए धनराशि जारी की जा चुकी है। इसके अलावा, प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय बनाए जा रहे हैं। 58 जनपदों में इनके निर्माण हेतु भी धनराशि स्वीकृत हो चुकी है। इन विद्यालयों में प्लेग्राउंड, ट्रेनिंग सेंटर, क्राफ्ट, माटी कला और न्यू-एज कोर्सेज की सुविधा होगी।

शिक्षा क्षेत्र में सुधार के प्रयास

प्रधानमंत्री प्रेरणा से प्रथम चरण में 13 डायट्स को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जा रहा है। इससे डायट को संसाधन केंद्र के रूप में विकसित कर समावेशी शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। शिक्षा के क्षेत्र में हुए सुधारों का असर असर (ACER) रिपोर्ट में दिख रहा है। उत्तर प्रदेश अब टॉप परफॉर्मिंग राज्यों में शामिल हो गया है।

प्राथमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की उपस्थिति वर्ष 2010 में 57 प्रतिशत थी, जो 2024 में बढ़कर 71.4 प्रतिशत हो गई है। प्रदेश में बालिकाओं का नामांकन बालकों की तुलना में अधिक है। मध्याह्न भोजन योजना का दायरा 2010 में 70 प्रतिशत था, जो 2024 में 95.4 प्रतिशत तक पहुंच गया है। परिषदीय विद्यालयों में पुस्तकालयों का उपयोग 78 प्रतिशत तक बढ़ गया है।

स्कूल चलो अभियान और समर कैंप

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 से 15 अप्रैल और जुलाई माह में 15 दिनों का ‘स्कूल चलो अभियान’ संचालित किया जाएगा। इस अभियान को उत्सव का रूप देने के लिए शिक्षकों, ग्राम प्रधानों और पंचायत सदस्यों को एकजुट होकर कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, समर कैंप का संचालन भी किया जाएगा, जिसमें खेल-खेल में बच्चों को नई चीजें सिखाई जाएंगी।

आरटीई और शारदा कार्यक्रम के तहत प्रवेश

मुख्यमंत्री ने कहा कि आरटीई के तहत 2016-17 में 10,784 बच्चे अध्ययनरत थे, जो 2024-25 में बढ़कर 4.58 लाख हो गए हैं। प्रदेश सरकार ने 2022-23 से 2024-25 तक गैर-सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त विद्यालयों को 728 करोड़ रुपये की फीस प्रतिपूर्ति का भुगतान किया है। शारदा कार्यक्रम के अंतर्गत 2024-25 में 7.77 लाख बच्चों का प्रवेश परिषदीय विद्यालयों में कराया गया है। वर्तमान में 1.93 करोड़ बच्चे परिषदीय विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा

प्रदेश सरकार एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू कर रही है और 25,784 परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज, 5,568 आईसीटी लैब्स तथा 2.61 लाख से अधिक टैबलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

निशुल्क यूनिफॉर्म और अन्य सुविधाएं

सरकार 2021-22 से छात्र-छात्राओं को निशुल्क यूनिफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा प्रदान कर रही है। प्रत्येक विद्यार्थी के अभिभावक के खाते में डीबीटी के माध्यम से 1,200 रुपये अंतरित किए जा रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सरकार ने 85,726 करोड़ रुपये का बजट शिक्षा के लिए निर्धारित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों को चरणबद्ध तरीके से सशक्त बनाया जा रहा है, जिससे उत्तर प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाया जा सके।

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