UP Minister Nandi And Noida Authority: उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी और आईएएस अफसर आमने सामने आ चुके हैं। मंत्री नंदी नोएडा प्राधिकरण और लखनउ के बड़े अफसरों पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं, जबकि लखनऊ में बैठे अफसर इन आरोपों को बेबुनियाद बता रहे। आखिर आरोप प्रत्यारोप के पीछे क्या खेल है। ये समझने की जरूरत है। दरअसल जून में ट्रांसफर पोस्टिंग की लिस्ट आनी थी। जिसमे मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की ज़रा भी नहीं चली है। इसी सब के चलते अब मंत्री खुद अफसरों से भिड़ गए हैं। मंत्री ने सीएम को लिखे पत्र में हवाला दिया है कि नोएडा की एक कंपनी को करोड़ों रुपए का अनुचित लाभ पहुंचाया गया है और कई बार शिकायत होने पर भी कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने पत्र में कहा कि अफसर अपनी मनमानी कर रहे हैं। एम्बिएंस इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को 18 जुलाई 2007 ने नोएडा प्राधिकरण ने जमीन आवंटित की। जिसकी लीज डीड 2018 में की गई। इस समय के बीच को जीरो पीरियड मानकर कंपनी को अनुचित लाभ दिया गया है। देखा जाए तो कंपनी पर पैनल्टी लगनी चाहिए थी और ब्याज भी लगाना चाहिए था। इसी तरह से कंपनी को 11 साल पुरानी दरों पर भूखंड मिल गया। इतना ही नहीं नियम के हिसाब से कंपनी को नक्शा पास कराकर निर्माण करना चाहिए था, मगर वो भी नहीं हो पाया। कंपनी ने ये जमीन थर्ड पार्टी को बेच दी। मंत्री नंदी इस तरह के मामले खोज खोजकर निकाल रहे हैं लेकिन ये भी हकीकत है कि झगड़ा कंपनी को आवंटित जमीन उसके बाद प्राधिकरण को नुकसान का नहीं बल्कि बंदरबांट का लग रहा है। औद्योगिक विकास मंत्री ने नोएडा प्राधिकरण में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। तब से ही अफसर और मंत्री आमने सामने आ रहे हैं। लखनऊ में बैठे बड़े अफसर दावा कर रहे हैं कि जितने भी मंत्री जी आरोप लगा रहे हैं उनमें दम नहीं है। सभी आरोपों का जवाब मुख्यमंत्री को दिया जा चुका है।
ट्रांसफर पोस्टिंग लिए काट रहे थे चक्कर
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के काफी अधिकारी और कर्मचारी अपने ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए मंत्री के दफ्तर और घर उसके चक्कर काट रहे थे, ताकि उन्हें मनमानी जगह पोस्टिंग मिल जाए। इतना ही नहीं मंत्री जी के नजदीकी लोगों से भी संपर्क कर प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपनी पूरी फील्डिंग जमा दी। लिस्ट आनी थी जून में मगर बीते दिन कुछ लोगों के नाम आए जिनके ट्रांसफर हुए।

