Ghaziabad news केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि मिल्क्वीड की खेती देश में खेती-किसानी और वस्त्र क्षेत्र दोनों में क्रांति ला सकती है, क्योंकि यह कम लागत, कम पानी और बिना रासायनिक निवेश वाली फसल है। उन्होंने शनिवार को संजय नगर स्थित नेशनल इंडिया टेक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन (निट्रा) में मिल्क्वीड परियोजना के निरीक्षण तथा देश के पहले मैनिकिन ज्याला समाविष्ट परीक्षण उपकरण का शुभारंभ करते हुए यह विचार व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि मिल्क्वीड ऐसी फसल है, जिसे किसी भी प्रकार की खाद, कीटनाशक या अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती। एक बार बोने के बाद करीब 10 वर्ष तक फाइबर प्राप्त किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि यह खेती किसानों की आजीविका को नया आधार प्रदान कर सकती है और सूखे क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है।
उन्होंने कहा कि देश में प्राकृतिक और टिकाऊ फाइबर की मांग बढ़ रही है, ऐसे में मिल्क्वीड भारत को वैश्विक बाजार में नई पहचान दिला सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उपकरण आग और उच्च ताप में एक्सपोज हुए कपड़ों के थर्मल संरक्षण प्रदर्शन को परखने में सक्षम है।
मंत्री ने कहा कि यह मशीन वस्त्र उद्योग में सुरक्षा मानकों को मजबूत करेगी और औद्योगिक कर्मियों के जान-माल की सुरक्षा करेगी।
निट्रा का शोध साबित होगा गेम चेंजर: डीजी परमार
निट्रा के महानिदेशक डॉ. एम. एस. परमार ने बताया कि मिल्क्वीड की खेती का आर्थिक, पर्यावरणीय, मिट्टी और सामाजिक प्रभाव का व्यापक आकलन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह फाइबर विश्व स्तर पर टिकाऊ फाइबर की बढ़ती मांग को पूरा कर सकता है और किसानों को बेहतर कमाई का अवसर प्रदान कर सकता है।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 8000 मिलियन डॉलर का सस्टेनेबल फाइबर व्यापार है, जिसमें भारत मात्र 40 मिलियन डॉलर का निर्यात करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इसे 12 महीने निर्यात योग बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
डॉ. परमार ने कहा कि निट्रा ने 40 देशों को चिन्हित किया है जहां मिल्क्वीड और अन्य प्राकृतिक फाइबर का बड़ा बाजार है। उन्होंने बताया कि नेच्युराण फाइबर विश्व में नंबर वन प्राकृतिक फाइबर की श्रेणी में आता है।
सस्टेनेबल टैक्सटाइल और किसानों के लिए खुलेगा संभावनाओं का नया द्वार
मंत्री ने कहा कि निट्रा का मिल्क्वीड पर किया गया शोध भविष्य के टैक्सटाइल उद्योग की दिशा तय करेगा और किसानों के लिए नए आय-स्रोत की बड़ी संभावनाओं को खोलेगा।
उन्होंने निट्रा के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया गया, तो देश सस्टेनेबल फाइबर के क्षेत्र में विश्व की अग्रणी शक्ति बन सकता है।

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