ट्रम्प की यह घोषणा मई 2025 में पहली बार की गई धमकी का दोहराव है, जब उन्होंने विदेशी फिल्मों को अमेरिकी बाजार में घुसपैठ का दोषी ठहराया था। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति ने कहा कि यह कदम कैलिफोर्निया के फिल्म उद्योग को बचाने के लिए जरूरी है, जहां 2025 की शुरुआत में उत्पादन 22% से अधिक गिर चुका है। स्टूडियो कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी यूरोप जैसे टैक्स-अनुकूल देशों में शिफ्ट हो रहे हैं। एपी न्यूज ने बताया कि यह टैरिफ अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए विदेशी फिल्मों की लागत दोगुनी कर देगा, जिससे नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम और डिज्नी+ जैसी स्ट्रीमिंग सेवाओं पर बोझ बढ़ेगा।
हॉलीवुड रिपोर्टर के मुताबिक, यह नीति अमेरिकी ब्लॉकबस्टर फिल्मों को भी प्रभावित कर सकती है, क्योंकि मार्वल और जेम्स बॉन्ड जैसी फ्रेंचाइजी का अधिकांश शूटिंग विदेश में होता है। वैरायटी ने चेतावनी दी है कि इस टैरिफ को लागू करने में तीन प्रमुख बाधाएं हैं: कानूनी (फिल्में बौद्धिक संपदा हैं, न कि भौतिक वस्तु), व्यावहारिक (डिजिटल वितरण पर कैसे लागू होगा?) और राजनीतिक (अन्य देशों से जवाबी कार्रवाई का खतरा)। एक्सियोस की रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रम्प ने इसे फर्नीचर जैसे अन्य आयातों पर भी टैरिफ बढ़ाने के साथ जोड़ा है, जो व्यापार युद्ध को नई ऊंचाई दे सकता है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं तेज हैं। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक यूजर ने लिखा, “ट्रम्प ने विदेशी फिल्मों पर युद्ध घोषित कर दिया। बॉलीवुड, कोरियन या यूरोपीय फिल्में अमेरिका में दोगुनी महंगी हो जाएंगी।” एक अन्य पोस्ट में कहा गया, “यह सिर्फ नौकरियां बचाने का बहाना है; असल में यह वैश्विक मनोरंजन को अमेरिकी तानाशाही में बदल देगा।” सीएनबीसी-टीवी18 ने भी इसकी कवरेज की, जिसमें ट्रम्प के ट्वीट का हवाला दिया गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत, यूरोप या एशिया जैसे देश जवाबी टैरिफ लगा सकते हैं, जो डिज्नी या मार्वल जैसी अमेरिकी कंपनियों को नुकसान पहुंचा सकता है। 7 न्यूज ऑस्ट्रेलिया ने इसे “फिल्म उद्योग पर ट्रम्प का हमला” बताया, जबकि वन अमेरिका न्यूज नेटवर्क ने इसे राष्ट्रपति की मजबूत नीति की सराहना की। फिलहाल, व्हाइट हाउस से कोई आधिकारिक कार्यान्वयन तिथि की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह घोषणा 2026 के मध्यावधि चुनावों से पहले ट्रम्प की लोकप्रियता बढ़ाने का प्रयास लगता है।
यह विकास वैश्विक व्यापार को नई दिशा दे सकता है, जहां संस्कृति अब स्टील या चिप्स जितनी ही महत्वपूर्ण हो गई है। हॉलीवुड के लिए यह चुनौतीपूर्ण समय है, लेकिन क्या यह टैरिफ वाकई लागू होगा या सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी साबित होगा—यह समय बताएगा।

