Trump’s Fed Chair Selection News: केविन हासेट फ्रंट-रनर, ट्रेजरी सेक्रेटरी बेसेन्ट पर बढ़ा दबाव

Trump’s Fed Chair Selection News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फेडरल रिजर्व चेयर के चयन को लेकर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, जिसमें नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल के डायरेक्टर केविन हासेट सबसे मजबूत दावेदार के रूप में उभर रहे हैं। यह फैसला ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेन्ट पर भारी दबाव डाल रहा है, क्योंकि ट्रंप कम ब्याज दरों के लिए आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं। पॉलीमार्केट पर हासेट के चयन की संभावना 70% बताई जा रही है, लेकिन बॉन्ड निवेशक आक्रामक कटौती की आशंका से चिंतित हैं।

हासेट का बढ़ता दबदबा
ट्रंप ने हाल ही में कहा कि उन्होंने फेड चेयर के लिए पांच उम्मीदवारों में से एक को फाइनलिस्ट चुना है, और हासेट को “पोटेंशियल फेड चेयर” करार दिया। व्हाइट हाउस इकोनॉमिक एडवाइजर हासेट ने सीबीएस न्यूज को बताया, “अमेरिकी लोग सस्ते कार लोन और कम दरों पर मॉर्टगेज की उम्मीद कर सकते हैं।” पूर्व ट्रंप एडवाइजर स्टीफन मूर ने इसे “सुप्रीम कोर्ट जस्टिस के बाद सबसे महत्वपूर्ण नियुक्ति” बताया, जो ट्रंप की वफादारी और मार्केट क्रेडिबिलिटी पर जोर देती है।

हालांकि, ट्रंप ने घोषणा को 2026 की शुरुआत तक टाल दिया है। अन्य दावेदारों में पूर्व फेड गवर्नर केविन वॉर्श (15% चांस), वर्तमान गवर्नर क्रिस्टोफर वॉलर (5%) और ब्लैकरॉक के रिक रीडर शामिल हैं। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर यूजर्स का मानना है कि यह चयन क्रिप्टो और स्टॉक मार्केट के लिए “मेगा बुलिश” साबित हो सकता है, खासकर एक्सआरपी जैसे एसेट्स के लिए।

बेसेन्ट पर ट्रंप का दबाव
ट्रंप ने बेसेन्ट को फेड चेयर सर्च का जिम्मा सौंपा है, लेकिन सऊदी इन्वेस्टमेंट फोरम पर मजाकिया लहजे में कहा, “स्कॉट फेड पर ब्लो कर रहे हैं, अगर जल्द फिक्स न किया तो फायर कर दूंगा।” न्यूयॉर्क टाइम्स डीलबुक कॉन्फ्रेंस में बेसेन्ट ने हासेट की पुष्टि से इनकार करते हुए कहा, “चेयर का एक ही वोट होता है, लेकिन चर्चा शुरू करने की क्षमता होती है।” ट्रंप ने पूर्व ट्रेजरी सेक्रेटरी स्टीवन म्नुचिन पर भी निशाना साधा, जिन्होंने जेरोम पॉवेल की सिफारिश की थी।

बेसेन्ट खुद फेड चेयर के लिए ट्रंप की पसंदीदा रहे, लेकिन अब वे नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल का भी नेतृत्व कर सकते हैं। उन्होंने फेड की आलोचना की, जिसमें “टैरिफ डिरेंजमेंट सिंड्रोम” और रीजनल प्रेसिडेंट्स के चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए।

कम दरों की ट्रंप की जिद
ट्रंप “सबस्टैंशियली लोअर” ब्याज दरों पर अड़े हैं, जबकि मौजूदा दरें 3.75-4% हैं। फेड ने महंगाई और लेबर मार्केट के कारण कटौती पर सतर्कता बरती है। हासेट के चयन पर फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बॉन्ड निवेशक ट्रेजरी को चेतावनी दे रहे हैं कि आक्रामक कटौती से नीति विश्वसनीयता और मार्केट स्थिरता प्रभावित हो सकती है। पीजीआईएम फिक्स्ड इनकम के ग्रेगरी पीटर्स ने कहा, “हासेट ट्रंप की तेज कटौती मांग पूरी न कर पाएं, तो भी मार्केट में संदेह है।”
एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “बॉन्ड विगिलेंट्स बनाम ट्रंप व्हिस्परर्स – हासेट चेयर बने तो 50 bps दिसंबर कट, लेकिन क्यू2 2026 में महंगाई प्रिंट सब जला देगी।” ट्रंप ने पॉवेल को फायर करने की धमकी भी दी, जो आधुनिक इतिहास की सबसे आक्रामक फेड प्रेशर कैंपेन है।

क्या होगा असर?
अगर हासेट चुने गए, तो फेड में बड़े बदलाव संभव हैं, जो अमेरिकी मौद्रिक नीति को वर्षों तक प्रभावित करेंगे। निवेशक टैरिफ, फिस्कल स्टिमुलस और रेट कट्स के मिश्रण से ग्रोथ की उम्मीद कर रहे हैं। एक्स पर एक यूजर ने कहा, “ट्रंप का इकोनॉमिक मास्टरमाइंड टेकओवर – रेट कट्स + स्टिमुलस = फुल थ्रॉटल ग्रोथ!” फिलहाल, सस्पेंस बरकरार है, लेकिन ट्रंप की “ऑब्सेशन” से लगता है कि जल्द घोषणा हो सकती है।

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