बैठक के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा कि दोनों पक्ष शांति समझौते के “बहुत करीब” आ गए हैं और टीमें “95% तक” सहमत हो चुकी हैं। उन्होंने इसे “उत्कृष्ट” और “उत्पादक” बैठक बताया। ज़ेलेंस्की ने भी चर्चा को “महत्वपूर्ण” करार दिया और कहा कि यूक्रेन की 20-सूत्री शांति योजना पर लगभग 90% सहमति बन गई है।
मुख्य प्रगति सुरक्षा गारंटी पर हुई है। यूक्रेन को नाटो जैसे मजबूत सुरक्षा आश्वासन मिलने की दिशा में समझौता करीब है, बिना नाटो सदस्यता के। ट्रंप ने बैठक से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से एक घंटे से अधिक फोन पर बात की, जिसे उन्होंने “उत्पादक” बताया।
हालांकि, क्षेत्रीय विवाद अब भी अनसुलझा है। पूर्वी डोनबास क्षेत्र (डोनेट्स्क और लुहांस्क) का नियंत्रण मुख्य मुद्दा बना हुआ है, जो पहले की वार्ताओं को पटरी से उतार चुका है। ज़ापोरिज्जिया न्यूक्लियर प्लांट का भविष्य भी विवादित है।
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका जनवरी में रूस-यूक्रेन के बीच सीधी वार्ता की सुविधा प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि रूस यूक्रेन के पुनर्निर्माण में मदद कर सकता है। ज़ेलेंस्की ने बताया कि जनवरी में वाशिंगटन में यूक्रेनी और यूरोपीय नेताओं की बैठक हो सकती है।
दोनों नेताओं ने कोई निश्चित समयसीमा नहीं बताई, लेकिन आशावादी लहजे में कहा कि समझौता निकट है। ट्रंप ने इसे “जटिल लेकिन संभव” बताया, जबकि ज़ेलेंस्की ने प्रगति पर संतोष जताया। विशेषज्ञों का मानना है कि क्षेत्रीय मुद्दों पर रूस की सहमति मिलना अभी बड़ी चुनौती है।
यह बैठक ट्रंप प्रशासन की पिछले महीने प्रस्तावित 28-सूत्री योजना के जवाब में यूक्रेन की 20-सूत्री योजना पर आधारित थी। युद्ध अब चार साल के करीब पहुँच चुका है, और दोनों पक्षों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

