हादसे का शिकार हुई वैगनआर कार में एक पुरुष, एक महिला और तीन नाबालिग बच्चियां (उम्र 6 से 7 वर्ष) सवार थे। इनमें से एक महिला और एक सात वर्षीय बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई। बाकी दो बच्चियां (छह और सात वर्ष की) और पुरुष को तुरंत हायदरगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया, लेकिन वहां इलाज के दौरान उनकी भी सांसें थम गईं। दूसरी ओर, ब्रेजा कार में तीन महिलाएं और एक नाबालिग लड़की सवार थीं। इनमें से एक महिला की भी मौत हो गई, जबकि बाकी तीन घायल हैं। इनमें एक लड़की की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। कुल मिलाकर दोनों गाड़ियों में करीब 12 लोग सवार थे, जिनमें से पांच की जान चली गई।
नेत्रहीन चश्मदीद गवाह, स्थानीय किसान दीपक ने बताया कि ब्रेजा कार बेहद तेज गति से पीछे से आई और वैगनआर से सीधे टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों वाहन तुरंत ही आग पकड़ लिए। सड़क पर शव बिखरे पड़े थे और मंजर बेहद भयावह था। आसपास के लोगों ने किसी तरह घायलों को बाहर निकाला और उन्हें नजदीकी अस्पताल पहुंचाया।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य तेज कर दिया। दीह थाने के प्रभारी शंशाक त्रिपाठी ने पुष्टि की कि पांच शवों को बरामद किया गया है। घायलों को हायदरगढ़ सीएचसी में भर्ती कराया गया, जहां पांच को मृत घोषित कर दिया गया। बाकी चार घायलों को जिला अस्पताल ले जाया गया, जबकि एक गंभीर घायल को लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल रेफर कर दिया गया। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को तत्काल सहायता पहुंचाने का आश्वासन दिया है।
यह हादसा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर बढ़ती दुर्घटनाओं की एक और कड़ी जोड़ रहा है, जहां तेज रफ्तार और लापरवाही अक्सर जानलेवा साबित हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि सख्त ट्रैफिक नियमों और जागरूकता अभियानों की जरूरत है। फिलहाल, पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है, ताकि हादसे के सटीक कारणों का पता लगाया जा सके। मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की जा रही है।

