Driving Licence Test in Noida: लाइसेंस के लिए होने वाले ड्राइविंग टेस्ट के लिए अब हो सकता है कि बिसाहड़ा न जाना पड़े। क्योंकि हो सकता है कि ड्राइविंग टेस्ट नोएडा में ही शुरू हो जाए। अमर उजाला के मुताबिक राज्य परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा है कि बिना एसओपी जारी किए टेस्ट प्रक्रिया कराना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर को केवल ट्रेनिंग देने का ही अधिकार है। वहां टेस्ट नहीं कराया जा सकता है। यदि कुछ परिस्थितियों में कराया जा रहा है तो इसके लिए शासन की ओर से निर्देश जारी किए जाएंगे। बकायदा एसओपी भी बनेगी। फिलहाल वर्तमान प्रक्रिया को रद्द किया जाता है। इसका मतलब ये हुआ कि अब ड्राइविंग टेस्ट के लिए नोएडा से 38 किमी नही जाना होगा। इस संबंध में आधिकारिक रूप से जल्द ही आदेश जारी हो जाएंगे।
ड्राइविंग लाइसेंसे बनाने वालों को राहत
बता दें कि परिवहन मंत्री के इस बयान के बाद नोएडा में ड्राइविंग लाइसेंसे बनाने वालों को राहत मिली है, लोग बिसाहड़ा स्थित ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर को लेकर लगातार शिकायतें कर रहे थे। पांच माह में कुल 100 से भी अधिक शिकायतें विभाग को मिली हैं। लोगों का आरोप है कि ट्रेनिंग सेंटर संचालक जानबूझकर लोगों को फेल पहले गाजियाबाद में रद्द हुआः नोएडावासियों को नहीं जाना पड़ेगा बिसाहड़ा परिवहन मंत्री के बयान के बाद अब बिसाहड़ा की जगह सेक्टर-32 स्थित परिवहन कार्यालय में ही टेस्ट लिया जाएगा। अहम है कि ड्राइविंग लाइसेंस बनने से पहले जो ड्राइविंग टेस्ट लिया जाता है वह पहले एआरटीओ कार्यालय में ही हुआ करता था। लेकिन एक दिन अचानक परिवहन आयुक्त के आदेश के बाद इस स्स्टिम को बदलकर प्राइवेट हाथों में दे दिया गया। अगस्त 2024 से सभी टेस्ट प्राइवेट ट्रैक पर होंगे ऐसा फरमान जारी किया गया था। पांच माह से यह व्यवस्था बरकरार थी, लेकिन जब पूर्व परिवहन आयुक्त का फरमान सवालों के घेरे में आया तो परिवहन मंत्री की ओर से नोएडा को लेकर भी साफ कर दिया गया है कि टेस्ट अब पुरानी प्रक्रिया के अनुरूप ही होंगे। कर रहा है। आरोप है कि जो संचालकों को अधिक पैसे देता है केवल उन्हीं को पास किया जा रहा है। वहीं पुरानी व्यवस्था में जहां ढाई से तीन हजार लाइसेंस प्रतिमाह जिले में बन रहे थे।
घट गई लाइसेंस बनवाने वालों की संख्या
बता दें कि व्यवस्था में बदलाव के बाद इनकी संख्या घटकर 200 के आसपास सिमटकर रह गई। ऐसे में ट्रेनिंग सेंटर पर काफी समय से सवाल भी खड़े हो रहे थे। आपको बता दें कि गौतमबुद्धनगर की तर्ज पर गाजियाबाद में भी तत्कालीन परिवहन आयुक्त की ओर से आदेश जारी किया गया था और लाइसेंस के लिए होने वाले ड्राइविंग टेस्ट को प्राइवेट ट्रेनिंग सेंटर में कराने के लिए कहा गया। ऐसे में आदेश के चलते 17 जनवरी को व्यवस्था लागू होने ही वाली थी कि इससे पहले शासन की ओर से परिवहन आयुक्त का आदेश ही खारिज कर दिया गया।
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