घटना की सूचना मिलते ही वसंत कुंज नॉर्थ थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। बच्चे को बेहोशी की हालत में पीसीआर वैन से पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अपराध शाखा की टीम ने साइट का मुआयना किया और सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 281 (लापरवाह ड्राइविंग) और 106(1) (लापरवाही से मौत का कारण बनना) के तहत मामला दर्ज किया है।
यह घटना थार मॉडल की एसयूवी से जुड़े हादसों की एक कड़ी है। हाल के महीनों में दिल्ली-एनसीआर में इस कार से कई ऐसी दुर्घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जहां तेज रफ्तार और चालकों की लापरवाही ने मासूम जिंदगियों को लील लिया। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस घटना पर गुस्सा जाहिर किया है। कई यूजर्स ने एसयूवी पर प्रतिबंध लगाने और सख्त सड़क सुरक्षा नियमों की मांग की है। एक पोस्ट में लिखा गया, “ये एसयूवी हमारी तंग सड़कों के लिए फिट नहीं हैं। ऐसे हादसों को रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई जरूरी है।”
पुलिस ड्राइवर और वाहन की तलाश में जुटी हुई है। वाहन का नंबर ट्रेस करने के लिए आसपास के कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। मुरशिद के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। उसके पिता माहिपालपुर में रहते हैं, जबकि मां दलित एकता कैंप में। पुलिस ने परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
यह हादसा दिल्ली की सड़कों पर बढ़ते हिट-एंड-रन मामलों की पोल खोलता है। विशेषज्ञों का कहना है कि एसयूवी की ऊंचाई और वजन के कारण पैदल यात्रियों और दोपहिया वाहन चालकों को खतरा बढ़ जाता है। सरकार और ट्रैफिक पुलिस को अब सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि ऐसी त्रासदियां दोबारा न हों।

