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राम मन्दिर के लिए खाई लाठी, जेल गए, लेकिन उत्साह नही हुआ था कम
मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होते देख मिल रही है खुशी
लाठीचार्ज भी सहा, लेकिन जोश कम नही हुआ। आज भी कारसेवकों के मन में वह मंजर समाया हुआ है जब मुलायम सिंह सरकार ने कार सेवकों पर गोली चलवाई थी । और राम मंदिर की खातिर अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। उन्हीं कारसेवकों से बातचीत कर 22 जनवरी को रामलला मंदिर के उद्घाटन के बारे में जाना ।
Firozabad news
साल 1990 में जनपद से भी अनेकों लोग कारसेवा में गए थे। जगह जगह भारी पुलिस बल लगा हुआ था, लेकिन हमारा उत्साह कम नही था। भीड़ को देखकर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। उसके बाद सूटआउट के ऑर्डर मिलते ही पुलिस ने कारसेवकों पर फायरिंग कर दी। मंजर बहुत भयाभय था। मुझे गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन मन में एक आशा थी कि एक न एक दिन राम मंदिर जरूर बनेगा। उस समय सैकड़ो कारसेवको ने राम की कसम खाई थी कि मंदिर वही बनवाएंगे । अब 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन हो रहा है। यह लाखों कारसेवकों के लिए एक दिवाली जैसा अवसर है। अन्य लोगों का कहना है कि हम सब लोग बहुत खुश हैं कि भगवान अपने भवन मे आ रहे हैं।
विदरेश गुप्ता कारसेवक साल 1990
वो भी साल 1990 में कार सेवा में शामिल हुए थे, लाठियां तक खाई , लेकिन उनका हौसला यूं हो बना रहा। वह अयोध्या पहुँच गए। जहां कार सेवको का उत्साह कम नही था। एक आशा थी श्रीराम एक न एक दिन वह शुभ अवसर जरूर जरूर दिखाएंगे। रामलला के मंदिर निर्माण के लिए सैकड़ो लोगों ने अपनी कुर्बानी दी। 22 जनवरी को रामलला अपने भवन में बिराजमान होने जा रहे हैं । हम सभी लोग इसी दिन के लिए इंतजार कर रहे थे। आज लाखों कार सेवकों का समर्पण के बाद यह अवसर मिल रहा है। वह दिवाली मनाकर भगवान श्री राम का भजन करेंगे।
अनिल शर्मा कारसेवक / पूर्व नगर अध्यक्ष भाजपा शिकोहाबाद।