पासपोर्ट जारी करने के बदले ली थी1.57 लाख की रिश्वत

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने चार कर्मचारियों और एक दलाल के खिलाफ दर्ज किया केस
Ghaziabad news : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने लंबित पासपोर्ट निस्तारण के लिए 1.57 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के चार कर्मचारियों और एक दलाल के खिलाफ केस दर्ज किया है।
सीबीआई के अनुसार, वरिष्ठ पासपोर्ट सहायक रवि किशन, पासपोर्ट सहायक चंद्रकांत, वरिष्ठ पासपोर्ट सहायक पवन शर्मा व जंडैल सिंह और मुजफ्फरनगर के दलाल फरहान गौड़ ने पेमेंट गेटवे के माध्यम से 14 जून 2022 से दो जुलाई 2023 के बीच लंबित पासपोर्ट के निस्तारण के लिए रिश्वत ली है। सीबीआई ने एफआईआर की कॉपी अदालत में पेश कर गिरफ्तारी की अनुमति मांगी है।

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सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि लंबित पासपोर्ट के निस्तारण के नाम पर पासपोर्ट सहायक रवि किशन ने मोहम्मद फरहान गौड़ के माध्यम से 14 जून 2022 से 14 जून 2023 के बीच 73 हजार रुपये की रकम रिश्वत के रूप में ली। फरहान ने ये रुपये यूपीआई और अपने परिचित लोगों के वॉलेट, बैंक खाते से ट्रांसफर किया। इसके अलावा पासपोर्ट सहायक चंद्रकांत ने आठ अगस्त 2022 से तीन जनवरी 2023 के बीच 59,700 रुपये मोहम्मद फरहान से लिए। इसी तरह वरिष्ठ पासपोर्ट सहायक पवन कुमार ने 28 सितंबर 2022 से दो जुलाई 2023 के बीच मोहम्मद फरहान से 22,900 रुपये लिए।
इसके अलावा, वरिष्ठ पासपोर्ट सहायक जंडैल सिंह ने भी 13 जून 2023 को एक लंबित पासपोर्ट जारी करने के बदले मोहम्मद फरहान से दो हजार रुपये लिए थे। ये सभी रकम आॅनलाइन ट्रांसफर की गई थी। शुरूआत में सीबीआई ने इसकी आंतरिक जांच की।
प्रारंभिक जांच में सच निकले आरोप
सीबीआई ने मामले की जांच की तो प्रारंभिक जांच में आरोप की पुष्टि हुई। उसके बाद सीबीआई गाजियाबाद की एंटी करप्शन यूनिट ने इन सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज कर लिया है। सीबीआई ने बताया कि आरोपी व्यक्तियों के मेरठ, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद स्थित परिसरों की तलाशी ली जा रही है और जांच जारी है।

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