इंदिरापुरम। ठगों ने भी ठगी करने में सभी हदें पार कर दी है। वसुंधरा के आशीष तिवारी से कुरियर में आपत्तिजनक चीजें होने और मनी लॉड्रिंग का केस खत्म कराने के नाम पर 3.93 लाख रुपये की ठगी हो गई। दरसअल, उन्हें नारकोटिक्स का अफसर बनकर झांसे में लिया। जाल में फंसने के बाद उन्होंने घबराकर पत्नी के खाते से पैसे ट्रांसफर कर दिए। साइबर सेल टीम मामले की जांच कर रही है। वसुंधरा सेक्टर-15 निवासी आशीष तिवारी का कहना है कि उन्हें फेडेक्स से एक ठग ने कोरियर में उनके आधार कार्ड के साथ आपत्तिजनक चीजें होने की बात कही।
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उनके खिलाफ मुकदमा होने के बारे में बताकर ठग ने कॉल मुंबई नारकोटिक्स विभाग से जोड़ दी। जाल में फंसाने के लिए उन्हें स्क्वाइप एप से नारकोटिक्स सेंटर के अधिकारी ने सीबीआई का लेटर दिखाकर उनका खाता मनी लॉड्रिंग केस में होने की बात बोली। आशीष का कहना है कि ठगों के जाल में फंस कर वह बुरी तरह डर गए। इसका फायदा उठाकर ठग ने उनका खाता वेरिफाई करने के लिए आरबीआई से जुड़ा बैंक खाता भेजा। उनसे कहा कि इसमें पैसे भेजने के बाद तुरंत पूरी ट्रांजेक्शन वापस हो जाएगी। आरोप है कि पत्नी के खाते से 3.93 लाख 300 रुपये ट्रांसफर करते ही फोन कट गया। ठगी की योजना को अंजाम देने के लिए ठगों ने उन्हें करीब चार घंटे एक कमरे में रोके रखा। उन्हें धमकी दी कि यदि नारकोटिक्स सेंटर की प्रक्रिया को किसी से बताया तो उन्हें कुछ देर में गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने मामले की शिकायत तुरंत इंदिरापुरम पुलिस और साइबर सेल को दी। इंदिरापुरम एसीपी स्वतंत्र कुमार सिंह कहना है कि ठगी और धोखाधड़ी के मामले की साइबर सेल की ओर से खाते में हुई ट्रांजेक्शन के आधार पर जांच चल रही है।