नोएडा । घरों या आसपास साफ पानी जमा होने पर डेंगू का खतरा बढ़ जाता है। इसमें ही डेंगू फैलाने वाले मच्छर पनपते हैं। अगर यह मच्छर कहीं से संक्रमित हो गए ,तो बहुत तेज रफ्तार के साथ संक्रमण फैलाते हैं। फेलिक्स अस्पताल के डॉ डी.के. गुप्ता कहना है कि गर्मियों की शुरूआत में घर के आसपास मच्छरों की संख्या बढ़ने लगती है, जो कई वायरल बीमारियों का कारक बनता है। मानसून से पहले डेंगू के मच्छर ज्यादा पनपने लगते हैं। इस मौसम में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण के साथ ही मच्छर जनित कई रोगों की शिकायत बढ़ जाती है। डेंगू एक जानलेवा बीमारी है, जिसके शुरूआती लक्षण की पहचान न होने पर स्थिति गंभीर हो सकती है। डेंगू किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है, लेकिन बच्चों में इसका असर तेजी से देखा जाता है। डेंगू में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगते हैं। हर साल डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी और इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए सरकार डेंगू के खिलाफ लोगों को जागरूक करती है।
डेंगू से बचाव के उपाय, लक्षणों की पहचान कर सही इलाज के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। मच्छर से फैलने वाली तीन प्रमुख बीमारियां हैं। डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया होता है। जहां डेंगू का संक्रमण मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी प्रजाति के मादा मच्छरों के काटने से फैलता है। डेंगू के लक्षण आमतौर पर दो-सात दिन तक रहते हैं। इस बीमारी में बुखार के कारण प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगते है। डेंगू से संक्रमित मरीज जितना संभव हो उतना आराम करें और खूब पानी पीएं। यह देखा गया है कि डेंगू बच्चों को अधिक संक्रमित करता है। इस बीमारी के सामान्य लक्षण हैं, तेज सिरदर्द, जोड़ों, मांसपेशियों और शरीर में दर्द, तेज बुखार और चिड़चिड़ापन। बरसात के मौसम में डेंगू अधिक तेजी से फैलता है। मई का महीना कुछ ही दिनों में खत्म होने वाला है, इसलिए हमें जून के महीने से भारत में शुरू होने वाले बरसात के मौसम के लिए तैयार रहना चाहिए। डेंगू के मच्छर दिखने में सामान्य मच्छरों से कुछ अलग होते हैं। इसके शरीर पर तेंदुए जैसी धारियां दिखाई देती हैं। यह मच्छर अक्सर दिन में काटता है, इसलिए हमें मच्छरों को काटने से रोकने के लिए विशेष ध्यान रखना चाहिए।