Adani Group: अदानी ग्रुप को लगातार एक के बाद एक झटके लगते जा रहे हैं। शेयर मार्केट में लोग बर्बाद होते जा रहे हैं। अमेरिका की अदालत ने वारंट जारी किया तो आप में अडानी के शेयरों पर लोअर सर्किट लगाना पड़ा। पिछले 1 साल में अडानी को तीन बड़े झटके लगे हैं। चलिए बताते हैं सिलसिलेवार तरीके से। बता दें कि अमेरिकी न्याय विभाग और एसईसी ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी को एक सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत ऑफर की। इस खबर के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों में जैसे सुनामी आ गई और ये 20 प्रतिशत तक टूट गए।
अमेरिका आखिर कैसे घिरे गौतम अडानी
बात दें कि अमेरिका में न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में सुनवाई के दौरान गौतम अडानी की कंपनी पर अमेरिका में निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने और एक सोलर एनर्जी कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अफसरों को मोटी रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है। आरोप है कि 2020 से 2024 के बीच अडानी ग्रीन और एज्योर पावर ग्लोबल को ये सोलर प्रोजेक्ट दिलाने के लिए गलत रूट से भारतीय अधिकारियों 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) को रिश्वत दी गई।
यबताया जा रहा है कि रिश्वत वाली बात अमेरिकी कंपनी यानी एज्योर पावर ग्लोबल से छुपाई गई। इस कॉन्ट्रेक्ट के जरिए 20 साल में दो अरब डॉलर से ज्यादा मुनाफे का अनुमान लगाया गया था और इसका लाभ लेने के लिए झूठे दावे करते हुए लोन और बॉन्ड्स जुटाए गए।
पहला झटका ऐसे लगा कि शेयरों में आई सुनामी
अमेरिका में जांच और आरोपों की खबर का पहला असर अडानी ग्रुप के शेयरों पर दिखाई दिया, जो ठीक वैसा ही था, जैसा कि हिडंनर्बग की रिसर्च रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद बीते साल जनवरी 2023 में दिखा था। अडानी के तमाम शेयर 20 प्रतिशत तक टूट गए और कई में लोअर सर्किट लगा। बीते कारोबारी दिन गुरुवार को ही कंपनियों के स्टॉक्स बिखरने के चलते उन्हें 2.5 लाख करोड़ रुपये का तगड़ा घाटा हुआ, तो वहीं आज यानी शुक्रवार को भी कंपनी के कई शेयरों ने गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की। देखा जाए तो इन दो दिनों में अडानी ग्रुप का मार्केट कैप करीब 3 लाख करोड़ रुपये कम हो गया है। इसका असर गौतम अडानी की नेटवर्थ पर भी दिखा है, ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के मुताबिक, ये कम होकर 85.5 अरब डॉलर रह गई है।
दूसरा झटका- 600 मिलियन जुटाने का प्लान कैंसिल
बता दें कि रिश्वतखोरी मामले में न्यूयॉर्क की कोर्ट ने गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी समेत 7 लोगों पर अरबों डॉलर की धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप लगाए हैं। उनपर भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलरकी घूस देने का दावा किया गया है। इसके बाद अडानी ग्रुप ने बॉन्ड के जरिए फंड जुटाने की अपनी योजना को कैंसिल कर दिया। गौरतलब है कि अडानी ग्रुप की कंपनी की बॉन्ड के जरिए 60 करोड़ डॉलर जुटाने की योजना बनाई थी, लेकिन अमेरिका में लगे आरोपों के बाद ग्रुप ने स्टेटमेंट जारी कर इस प्लान को रद्द करने का ऐलान कर दिया. बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद भी अडानी ग्रुप ने अपने एफपीओ के जरिए 20000 करोड़ रुपये जुटाने के प्लान को रदद किया था।
तीसरा झटके रुप में केन्या के साथ डील रद्द
गौतम अडानी को तीसरा झटका केन्या से लगा है। जिसने अडानी ग्रुप के साथ अपनी दो बड़ी डील कैंसिल कर दी हैं। इनमें पहले रद्द किए गए सौदे की कीमत 700 मिलियन डॉलर थी, जिसमें पावर ट्रांसमिशन लाइनों का निर्माण शामिल था। वहीं दूसरे सौदे की कीमत 1.8 अरब डॉलर थी, जो एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए था. बता दें कि इन कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए कॉम्पटीशन करने वाली एक चीनी कंपनी थी. हालांकि, एनालिस्ट्स का कहना है कि केन्या के द्वारा रद्दीकरण की वजह चीन समर्थित अमेरिकी डीप-स्टेट संस्थाओं द्वारा गढ़े गए भू-राजनीतिक नैरेटिव्स कदम हो सकते हैं। भारत में भी अब अडानी पर लगातार विपक्ष हमलावर हो रहा है। कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी लगातार अलग अलग आरोप भी लगा रहे है।