noida news औद्योगिक नगरी नोएडा के सेक्टर-80 के ए-ब्लॉक सहित चारों ब्लॉकों में बुनियादी सुविधाओं की घोर अनदेखी के चलते नागरिक नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। उच्च अधिकारीयों के सख्त निदेर्शों के बावजूद क्षेत्र में लंबे समय से दूषित पानी की आपूर्ति की समस्या बनी हुई है, लेकिन ग्राउंड स्तर पर कार्य करने वाले अधिकारी, कर्मचारी शिकायतों के बावजूद अब तक मौन हैं। यह समस्या निरंतर दो वर्षों से बनी हुई है। नहाने और पीने के लिए साफ पानी के अभाव में यहां के लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। स्थानीय निवासी विष्णु गुप्ता ने बताया कि पानी की सप्लाई में सीवर का गंदा पानी लगातार मिल रहा है, जिससे कई बार दिनों तक नहाना भी मुमकिन नहीं हो पाता। हल्की बारिश के साथ ही स्थिति और भी भयावह हो जाती है, जब पानी की लाइन और सीवर लाइन के कनेक्शन की खामी के चलते नलों से बदबूदार व गंदा पानी बहने लगता है। खास बात यह है कि सेक्टर 80 में स्थित भूमिगत जलाशय 2500 एमएलडी और टंकी करीब 2000 एमएलडी की क्षमाता की है जिसकी नियमानुसार सफाई प्रत्येक तीन महीने में भूमिगत जलाशय (युजीआर) की सफाई होनी चाहिए, लेकिन इन दोनों की सफाई 17-11-2024 से अब तक नहीं हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि भूमिगत पानी की लाइन और सिवार की लाइन कहीं कनेक्ट है। बारिश होते ही सीवर की लाइन पानी की लाइन से कनेक्ट हो जाती है।
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दो साल से समस्या, अधिकारियों की चुप्पी, फैक्ट्री मजदूर सबसे ज्यादा प्रभावित
यह समस्या करीब दो साल से चल रही है। जब भी बारिश होती है तो सेक्टर-80 के चारों ब्लॉकों में दूषित पानी की सप्लाई बढ़ जाती है। क्षेत्र में हालात ऐसे हैं कि जहां फैक्ट्रियों के सक्षम कर्मचारी और मालिक बोतलबंद पानी खरीदकर अपनी जरूरतें पूरी कर लेते हैं, वहीं दैनिक मजदूरी करने वाले गरीब मजदूरों को मजबूरी में यही दूषित पानी पीना पड़ रहा है। परिणामस्वरूप कई लोग संक्रमण और पेट से जुड़ी बीमारियों का सामना कर रहे हैं। स्थानीय नागरिकों ने बताया कि क्षेत्रवासियों द्वारा कई बार सामूहिक रूप से शिकायतें दर्ज कराई गईं, लेकिन आज तक न तो कोई ठोस कदम उठाया गया और न ही कोई जांच कराई गई। समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।
जल्द होगा बड़ा जन आंदोलन
सेक्टर-80 के निवासियों संदीप शर्मा, राहुल त्यागी, जतिन कुमार, हरीश कुमार, विजय कुमार, लव कुमार, विजयपाल सिंह, दीपक शर्मा, अशोक आदि ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं किया गया, तो वे प्राधिकरण कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन करेंगे और बड़े आंदोलन की शुरूआत करेंगे।
नोएडा प्रशासन की उदासीनता पर सवाल
पानी जैसी मूलभूत सुविधा में लापरवाही प्रशासनिक व्यवस्था पर गम्भीर सवाल खड़े करती है। स्थानीय लोग अब यह पूछने लगे हैं कि जब नोएडा जैसे विकसित क्षेत्र में भी नागरिकों को साफ पानी मयस्सर नहीं, तो विकास का दावा कैसे किया जा सकता है? हालांकि उच्च अधिकारियों ने सख्त निर्देश दिए हुए है कि मूलभूत सुविधाओं में कमी नहीं आनी चाहिए। लेकिन ग्राउंड पर काम करने वाले कर्मचारी उच्च अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना कर उनकी छवि को पलीता लगाने में लगे हुए है।

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