उत्तर प्रदेश में योगी सरकार लगातार आमजन के उत्थान के लिए कार्य कर रही है। श्रम विभाग में जहाँ केवल श्रमिकों के नाम पर लोगों से सेस के रूप में पैसा वसूला जाता था, वही अब इस पैसे का सरकार सदुपयोग कर रही है। यूपी के भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार राज्य परामर्शदात्री समिति के अध्यक्ष रघुराज सिंह ने श्रमिकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में तो बताया ही साथ ही जो पैसा विभाग वसूल नहीं कर पाता था उसकी भी विस्तृत जानकारी दी। अब विभाग की और से इसे वसूलकर पैसे का सदुपयोग हो रहा है।
रघुराज सिंह के जय हिन्द जनाब को बताया कि यूपी में मैं करीब 500000 किलोमीटर चला हूं। जगह जगह जाकर देख रहा के निर्माणकार्य वाली साइटों पर काम करने वाले मजदूरो को वे सभी सुविधाएं मिल रही है या नहीं, जो विभाग की ओर से मिलनी चाहिए। उन्होंने बताया कि 1000000 से ऊपर के सभी निर्माण कार्य पर 1ः श्रम विभाग सेस लगता है। इस सेस एक के पैसे से मज़दूरों के बच्चों को पढ़ा लिखाकर बड़ा आदमी बनाया जाए। इसको लेकर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस पैसे से अटल आवासीय विद्यालय शुरू किए गए हैं। फ़िलहाल तो ये सभी विद्यालय मंडल स्तर पर है। इन विद्यालयों को वर्ल्ड क्लास का बनाया जा रहा है। इनमें केवल और केवल मज़दूरों के बच्चे ही पढ़ेंगे। इसके अंदर किसी भी तरह का कोई आरक्षण नहीं है। केवल एक ही शर्त है पढ़ने वाला बच्चा मजदूर का होने चाहिए।
फिलहाल 18 विद्यालय शुरू कर दिए गए हैं। विभाग के पास करीब 12000 करोड़ रु रिज़र्व में जो बच्चों की स्कूली शिक्षा पर खर्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मजदूरो को पेंशन दी जा रही है। साधारण मजदूर को ₹1000 और कुशल कामगार को ₹1500 दिये जाते है। इतना ही नहीं जो श्रमिक रजिस्टर्ड नहीं है दुर्घटना होने पर उन्हें ₹50000 तत्काल दिए जाते है। उन्होंने कहा कि हमारा ज्यादातर फोकस मज़दूरों के बच्चों को पढाने लिखाने पर है। क्योंकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ एक साधारण परिवार से आते हैं इसलिए उनको मालूम है कि कैसे ऐसे बच्चों को आगे बढ़ाया जा सकता है। विभाग की और से मजदूरों की बेटियों की शादियां भी कराई जाती है।