ये वो जज बेटे जिन्होंने पलटा अपने पिता का फैसला

न्यायपालिका में मजबूती के लिए हमेशा लैंड मार्क फैसलो पर चर्चा होती है मगर कुछ ऐसे भी फैसले है जो जज पिता ने दिये लेकिन जब वे कुर्सी पर बैठे तो उन्होंने अपने पिता के फैसलों को ही पलट दिया।
33 साल बाद अगस्त 2018 में फैसले को पलटते हुए जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ के बेटे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एक ऐसे ही मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हमें ऐसे फैसले सुनाने चाहिए जो वर्तमान में प्रासंगिक हों। उन्होंने कहा था कि ऐसी महिलाएं हैं जो अपने ऐसे पतियों से पिटती भी हैं जो कुछ कमाते भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह तलाक मांग रही है, लेकिन ऐसे मामले वर्षों तक अदालतों में लटके रहते हैं

ळुआ कुछ यूं कि 1985 में तत्कालीन सीजेआई वाईवी चंद्रचूड़ ने जस्टिस आरएस पाठक और जस्टिस एएन सेन के साथ आइपीसी की धारा-497 की वैधता को बरकरार रखा था। सोमित्रि विष्णु मामले में जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ ने अपने फैसले में लिखा था कि सामान्य तौर पर यह स्वीकार किया गया है कि संबंध बनाने के लिए फुसलाने वाला आदमी ही है न कि महिला है।
जस्टिस चंद्रचूड़ होंगे देश के 50वें सीजेआई
भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नाम की सिफारिश की है। जस्टिस चंद्रचूड़ देश के 50वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया होंगे। चीफ जस्टिस यूयू ललित 8 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल दो सालों का होगा और वह 10 नवंबर 2024 को रिटायर होंगे।

 

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