Greater Noida Land Scam: ग्रेटर नोएडा के गांव बिसरख में 300 करोड़ का जमीन घोटाला सामने आया है। लोग जमीन घोटाला करने के लिए हर हथकंडे अपनाते है। एक व्यक्ति ने जन्म से पहले ही अपने दो बेटों के नाम जमीन कर दी ताकि राज्य सरकार में जमीन निहित न हो। राजस्व परिषद के चेयरमैन के आदेश पर जिलाधिकारी ने समिति का गठन कर जांच सौंपी है। शिकायत करने वाले का आरोप है कि समिति रिपोर्ट जमा नहीं कर रही है। अफसरों का कहना है कि आरोपी पक्ष को कई बार नोटिस जारी हुआ लेकिन अब तक फर्जी दस्तावेजों पर साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए हैं।
लोकेंद्र भाटी को पुलिस ने भेजा है जेल
बता दें कि बिसरख कोतवाली पुलिस ने प्राधिकरण की अधिगृहित जमीन को बेचने के मामले में बिसरख निवासी लोकेंद्र भाटी को गिरफ्तार किया था। उसके बाद आरोपी के खिलाफ घोटाले का मामला सामने आया। आरोप है कि लोकेंद्र के पिता के नाम 72,610 वर्ग मीटर जमीन थी। 1986 से 1990 के बीच लोकेंद्र की मां के नाम 49,676 वर्ग मीटर जमीन खरीदी। दोनों के नाम 1,22,186 वर्ग मीटर जमीन थी। यूपी जमींदारी उन्मूलन एवं भूमि सुधार अधिनियम के तहत एक व्यक्ति या दंपती के नाम 12.5 एकड़ यानी करीब 48 हजार वर्गमीटर से अधिक जमीन नहीं हो सकती है। अगर है तो सरकार सील कर जमीन अपने नाम दर्ज कर लेती है।
इसी सीलिंग से बचने के लिए लोकेंद्र के पिता ने जुलाई 2003 में 42,164 वर्ग मीटर जमीन बेटी को गिफ्ट की। 80 हजार वर्ग मीटर जमीन उनके नाम पर दर्ज रही। 2009 में एक खसरा नंबर की 7,510 वर्ग मीटर जमीन का मुआवजा उठा लिया गया। नियमों से ज्यादा जमीन को सीलिंग से बचाने के लिए बेटों के नाम जमीन दर्ज करा दी।
खेल में लेखपाल की भूमिका
बता दें कि 2006 में लेखपाल भी इस खेल में शामिल रहा होगा। इस घपले की रिपोर्ट तत्कालीन डीएम को सौंपी थी। आरोप है कि सीलिंग से बचाई जमीन को 1989 में चकबंदी अभिलेखों में फर्जी तरीके से अपने बेटे सुधांशु व गुलशन के नाम दर्ज करा दिया। उसके बाद प्राधिकरण से मुआवजा व प्लॉट भी ले लिया। उस समय दोनों बेटों का जन्म भी नहीं हुआ था। फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनाया था। प्रशासन को दोनों बेटों के आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट मिले हैं जिनमें उनका जन्म वर्ष 1992 और 1994 है। दोनों के नाम पर 44,190 वर्गमीटर जमीन दर्ज हुई थी। इसका कोई बैनामा और वसीयतनामा भी नहीं है। 2009 में प्राधिकरण से करीब 31,000 वर्ग मीटर जमीन का 4 करोड़ से अधिक मुआवजा लिया गया। 3000 वर्ग मीटर का प्लॉट भी लिया गया।
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