बेरोजगारों को देते थे ऐसा लालच, चले आते थे दौड़े, ये है ठगी की पूरी कहानी

दिल्ली-नोएडा, गाजियाबाद एवं एनसीआर में बेरोजगारों को ठगने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस इन बेरोजगारों को अपना शिकार बनाने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया है। नोएडा में थाना सेक्टर-49 पुलिस ने ऐसे ही एक गैंग का पर्दाफाश करते हुए सरगना समेत 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिसमें 4 युवतियां भी शामिल हैं। पकड़े गए आरोपी सलारपुर में ऑफिस खोलकर बेरोजागारों को ठग रहे थे। इनके कब्जे से भारी मात्रा में मोबाइल, दो कारें और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

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ऐसे करते थे ठगी
आज प्रेस कान्फ्रेस में एडीसीपी मनीष कुमार मिश्रा ने बताया कि थाना सेक्टर-49 पुलिस ने सोमवार शाम सलारपुर स्थित पिलर संख्या 81 के पास क्वालिटी फर्नीचर की तीसरी मंजिल पर मौजूद एक ऑफिस से सरगना समेत 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान गैंग सरगना वसीम अहमद उर्फ कपिल भाटी उर्फ पीयूष भाटी निवासी मो हल्द्वानी कुलेसरा थाना इकोटेक, रोहित कुमार निवासी मलकपार थाना सूरजपुर, रोहित चंदेला उर्फ राहुल निवासी हबीबपुर नोएडा, अनामिका निवासी सूरजपुर, लक्ष्मी निवासी कुलेसरा पुश्ता हिंडन नदी के पास थाना इकोटेक 3 नोएडा, शिखा कुशवाह निवासी कुलेसरा पुश्ता नोएडा और शबा कुलेसरा पुश्ता, हिंडन नदी के पास, थाना इकोटेक 3, नोएडा के रूप में हुई है। पूछताछ करने पर आरोपी वसीम अहमद उर्फ कपिल भाटी उर्फ पीयूष भाटी उर्फ वसीम पत्रकार ने बताया कि वह अपने साथी रोहित चंदेला उर्फ राहुल भाटी व रोहित कुमार के साथ मिलकर पिछले डेढ़ साल से नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी कर रहा है। इनका नोएडा दिल्ली जॉब के नाम से यूट्यूब चैनल है, जिसमें यह नौकरी दिलाने के भ्रामक विज्ञापन डालते हैं, जिसे देखकर विभिन्न राज्यों से कई बेरोजगार बच्चे नौकरी की तलाश में इनके पास आते हैं। यह उन लोगों से 100 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस व 2500 से 3000 रुपये फाइल चार्ज या सिक्योरिटी मनी लेते हैं। पता चला कि इनका किसी कंपनी से कोई एग्रीमेंट नहीं है। इन लोगों ने कुछ सील फर्जी बनवा रखी हैं और जिन लेटर पैड पर यह सील लगाकर बच्चों को ज्वाइनिंग लेटर देते हैं, वह भी फर्जी हैं।

लड़कियो से छेड़छाड़ का केस लगाने की देते थे धमकी
जांच में सामने आये है कि अपने दफ्तर में ज्यादातर लड़कियों को रखते थे यदि कोई पैसे मांगेने आता था तो उसे छेड़छाड़ के केस में फंसाने की धमकियां भी देते थे। एक आरोपी ने बताया कि यह बेरोजगार बच्चों से पैसे लेकर उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र देते हैं और यह कहकर भेज देते हैं कि कुछ दिनों में नौकरी ज्वाइन करने के लिए कॉल आएगा। नौकरी न मिलने पर दूर-दराज से आये बच्चे इनके पास लौटकर नहीं आते और जो लोग आकर अपने पैसे मांगते हैं, उन्हें यह सोशल मीडिया-ट्विटर पर उनके खिलाफ झूठी बातें ट्वीट कर डरा देते हैं, जिससे वह डरकर भाग जाते हैं।

 

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