Greater Noida police News: ग्रेटर नोएडा की थाना बिसरख पुलिस ने रुपये दो गुना करने का लालच देकर धोखाधडी करके लाखों रूपये की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से घटना में इस्तेमाल 2 लक्जरी गाडियां, धोखाधडी एवं ठगी गयी नगदी व अन्य फर्जी दस्तावेज व अन्य सामान बरामद किया हैं।
पुलिस को ऐसे मिली इस गिरोह की सूचना
दरअसल, गत 5 दिसंबर को महिला ने लिखित सूचना दी कि मेरे जीजा विशाल अग्रवाल पिछले दस दिनो से पैसे माँग रहे थे और मुनाफा देकर पैसे वापिस करने की बात कह रहे थे। उनकी बात सोनू यादव से हो रही थी और वही पैसे लेकर दो गुना पैसे देने की कह रहा था, फिर मैन पैसा की व्यवस्था करना शुरु किया और मैने अपने जानकार भाई अनित जिन्ह विशाल अग्रवाल भी जानते हैं से मिलकर रूपये 16,50,000 की व्यवस्था कर ली और मैं और मेरे जीजा जी सारा पैसे लेकर 4 दिसंबर शाम को घर से निकले। जीजा विशाल अग्रवाल की बात सोनू यादव से हुई। उसने हमें गौर सिटी मॉल के सामने बुलाया। हम लोग गौर सिटी मॉल के पास पहुचें तो वहां सोनू यादव एक लडके के साथ मिला फिर जीजा जी ने उन्हे गाडी मे बिठाया और बताया कि यही लोग हमे पैसे मुनाफा करके देगें और उनके नाम सोनू यादव व छोटू बताया। फिर हम लोग गाडी से सेंच्यूरियन ट्रेस होम्स सोसायटी के टॉवर बी-2 के एक फ्लैट मे पहुँचे जहाँ दो लडके पहले से मौजूद थे। फिर उन चार लडको ने हमारे पैसे ले लिए और हमें दो गुने पैसो से भरा बैग दे दिया। फिर हम लोग सोनू यादव व छोटू के साथ फ्लैट से नीचे आ गए और गाडी से ब्लू स्फायर मॉल के पास पहुचे, जहाँ उन दो लडको सोनू यादव व छोटू को उतार दिया। उतारने के बाद हमने गाडी मे रखा पैसो का बैग चैक किया तो पाया कि नोटो की गड्डी के ऊपर केवल एक असली नोट था और नीचे कागज की गड्डी थी। यह सब देखकर हम लोग वापस उसी फ्लैट पर पहुचंे तो पाया कि फ्लैट पर कोई नहीं है। वो लोग हमारे पैसे लेकर जा चुके थे। इस मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई।
डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी का बायान
डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने कहा कि थाना बिसरख पुलिस ने रूद्रा निर्माणाधीन सोसाइटी सेक्टर 16 बी के पास से अभियुक्तगण 1. चंचल कुमार 2. इंद्रमणि उर्फ राजा ऊर्फ इन्द्र 3. रितेश कुमार उर्फ अंकित 4. शुभम तिवारी 5. नवीन सिंह 6. गौरव गुप्ता को घटना में प्रयुक्त वाहन कार एमजी हैक्टर रजि नं-24 बीएच 4047, कार निशान मेगनेट रजि0नं0-यूपी 14 ईवाई 6804 व ठगी की नगदी (575000, रुपये) व अन्य फर्जी दस्तावेज, अन्य सामान बरामद करते हुये गिरफ्तार किया गया है।

अपराध करने का तरीका
बता दें कि यह एक ऐसा सक्रिय गैंग है जो जनता को अधिक धन का लालच देकर नोट बदलने के नाम पर ठगी करते है। इस गिरोह में 6-7 लोग शामिल रहते है सभी का अलग- अलग काम होता है जिसमें दो व्यक्ति ग्राहक को झांसा देकर अपने जाल में फंसा लेते है बाकी लोग फ्लैट पर पहले से मौजूद रहते है। ये लोग ग्राहक से अपना असली नाम छुपाकर मिलते है।
पूछताछ में पुलिस को पता चला
पकड़े गए युवकों ने पुलिस पूछताछ पर बताया कि हम लोग ऐसे व्यक्तियों को टार्गेट करते थे जिनके पास नगदी बहुतायत मात्रा में हो, जिनको अभियुक्तगण एक का दो गुना व तीन गुना करने का दावा करते है। फिर उनको बताये हुए पते के बाहर से ही साथ में पूर्व से निश्चित फ्लैट पर लाया जाता है जहाँ पर पूर्व से नियोजित कमरे में एक तख्त नुमा चैकी का प्रयोग किया जाता है जिसे बीच से काटकर एक छेद बनाया हुआ है इस तख्त को ऐसे स्थान पर रखा जाता है जहाँ तख्त के पीछे एक दीवारध्स्लाडर गेट हो और उस दीवार में भी एक छेद बना दिया जाता है एक व्यक्ति तख्त के ऊपर बैठकर रूपये गिनकर बैग में गड्डिया रखने का काम करता है तथा नोटो की असली गड्डिया चैकी के नीचे बेठे व्यक्ति को पकडा देता है और उससे कागज की गड्डियां पर एक असली नोट लगाकर बेग में रख देता है , जिससे कुर्सी पर सामने बेठे व्यक्ति को लगे कि जो असली नोट गिनी गई है वही बैग में भी रखी गई है। तख्त के सामने कुर्सियों पर ग्राहक को बैठाया जाता है तथा मशीन से नोट गिनकर उनके सामने यह भरोसा दिलाया जाता है कि सारे असली नोट है उन्ही के आस पास दो-तीन लोग ध्यान भटकाने का कार्य करते है ग्राहक को बैग में नोटो की गड्डियां दिखाई जाती है जबकि केवल ऊपर की परत पर ही असली नोट होते है नीचे सारे कागज के नोट के साइज की ही गड्डियां होती है। एक व्यक्ति दीवार के पीछे होता है जो असली नोट को तख्त की नीचे से लेकर वापस गिनने के लिए तख्त पर बेठे व्यक्ति को देता है। जब बैग में सारी नकली गड्डिया भर दी जाती है तब ग्राहक को अपने सामने गिनने नहीं दिया जाता है और बैग को खुद बन्द करके लॉक करके दो व्यक्ति ग्राहक के साथ गाडी में बैठकर दूर तक छोडकर आते है। जिससे बाकी लोगो को फ्लैट से कैश लेकर भागने का मौका मिल जाये। उसके बाद यह लोग दूर जिले से बाहर किसी होटल या पूर्व नियोजित स्थान पर पैसे आपस में बांट लेते है। अभियुक्त के द्वारा पूर्व में सरिता बिहार दिल्ली में भी इसी तरीके की घटना को अंजाम दे चुके है। अभियुक्त इन्द्रमणि व चंचल पहले से ही थाना विजयनगर गाजियाबाद में एक मामले में फरार चल रहे हैं।

