Yamuna Authority Polt Allotment Case: यमुना प्राधिकरण से कागजातों में हेराफेरी करके प्लाॅट लेने वालों की अब खैर नही। कागजों में कुछ और हकीकत में कुछ और है। ऐसे आंवटियों के भूखंड रद्द करने की तैयारी हो चुकी है। औद्योगिक प्लॉट हासिल करने के लिए कुछ लोगों अपनी पत्नी को कागजों में तलाक दे दिया। इन लोगों ने आवेदन के वक्त तलाक दिखाते हुए यमुना प्राधिकरण की औद्योगिक भूखंड योजनाओं में आवेदन कर भूखंड ले लिया। कुछ लोगों ने कंपनियों के नाम में साधारण से बदलाव कर आवेदन किया जबकि ये सब एक ही परिवार के लोग थे। प्राधिकरण ने ऐसे करीब 47 मामले जांच में पकड़े हैं। इनमें से 8 मामले ऐसे हैं जिनमें तलाक के फर्जी कागज लगाकर प्लाॅट हासिल किए गए। 26 सितंबर को होने वाली बोर्ड की बैठक में इस तरह के प्रकरण पर निर्णय लिया जाएगा।
प्राधिकरण के अफसरों के अनुसार दो श्रेणियों में जांच की गई। इनमें एक तो वे लोग थे जिन्होंने तलाक के कागज आवेदन में लगाकर अलग-अलग प्लाॅटों के लिए आवेदन किए और आवंटन भी हो गया। इसके बाद जांच के दौरान सामने आया कि यह एक ही पते पर रह रहे हैं। दूसरी श्रेणी में व्यक्तिगत या कंपनी के नामों में मामूली फेरबदल किया गया। इस योजना के तहत आवंटित किए गए प्लाॅट 4 हजार वर्गमीटर तक के हैं। मामला सामने आने पर एक आवंटी ने अपना प्लॉट सरेंडर भी कर दिया। 46 में से 32 आवंटन ऐसे पाए गए जो 10 परिवारों को हुए थे। 16 आवंटन अलग-अलग नामों से बनी कंपनियों और प्रतिष्ठानों के नाम पर मिले है। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद अब यमुना प्राधिकरण सचेत हो गया है।
आवासीय भूखंडों की होगी जांच
आवासीय भूखंडों की स्कीम में हुए आवंटन की भी जांच होगी। इसके अलावा जो मामले सामने आए हैं उन्हें बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। इन मामलों की जांच के लिए एसीईओ की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की गई थी। बोर्ड में तय होगा कि इनका आवंटन रद्द करना है या बरकरार रखना है।