हंगामा, SIR विवाद और ‘कुत्ता’ कांड ने गरमा दिया माहौल

Parliament’s Winter Session News: संसद का शीतकालीन सत्र आज धमाकेदार अंदाज में शुरू हुआ। 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र की पहली बैठक में विपक्ष और सत्ताधारी दल के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। एसआईआर (सेल्फ-इन्फ्लिक्टेड रिक्रूटमेंट) प्रक्रिया पर बहस, प्रदूषण और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर हंगामा मचने के कारण लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। अंत में, लोकसभा को पूरे दिन के लिए और राज्यसभा को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों को संबोधित करते हुए कहा, “यह सत्र पराजय की हताशा या विजय के अहंकार का मैदान नहीं बनना चाहिए। यहां ड्रामा नहीं, डिलीवरी होनी चाहिए। नीति पर जोर हो, नारों पर नहीं।” पीएम मोदी का यह बयान विपक्ष पर सीधा निशाना साधा गया, जिसका जवाब कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने तुरंत दिया। उन्होंने कहा, “एसआईआर, चुनाव और प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दे उठाना ड्रामा नहीं है। ड्रामा तो जनता के मुद्दों पर चर्चा न कराना है।” समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी बीजेपी पर निशाना साधा, दावा किया कि 2024 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में हार के बाद बीजेपी बैचेन है और एसआईआर प्रक्रिया से युवाओं की जान जा रही है।

एसआईआर विवाद ने छीना सदन का समय
सत्र के पहले ही दिन विपक्ष ने एसआईआर प्रक्रिया पर चर्चा की मांग की, जिसमें युवाओं पर दबाव के कारण कई आत्महत्याओं की घटनाओं का जिक्र किया गया। कांग्रेस सांसद जेबी मथर ने कहा, “यह पूरी तरह अन्यायपूर्ण और अलोकतांत्रिक है। एसआईआर के दबाव में लोग मर रहे हैं। हम पहले भी इसकी मांग कर चुके हैं।” सीपीआई सांसद पी. संतोष कुमार ने भी सरकार पर चर्चा से बचने का आरोप लगाया। विपक्ष के वॉकआउट के बाद सदन में नारेबाजी हुई और स्पीकर ओम बिरला को सदन को स्थगित करना पड़ा। उन्होंने सांसदों को चेतावनी दी, “यह सदन नारेबाजी और तख्तियों के लिए नहीं है।”
राज्यसभा में नए सभापति सी.पी. राधाकृष्णन को सभी दलों ने बधाई दी। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने शायराना अंदाज में उनकी तारीफ की, लेकिन कांग्रेस पर तंज भी कसा। राज्यसभा में भी एसआईआर पर बहस हुई, लेकिन हंगामे के कारण कार्यवाही मंगलवार तक टाल दी गई।

‘कुत्ता कांड’ ने चरम पर पहुंचाया विवाद
सत्र का सबसे चर्चित वाकया कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी का रहा। वे संसद परिसर में एक पिल्ले को कार में लेकर पहुंचीं। वायरल तस्वीरों के बाद बीजेपी ने इसे “संसद का अपमान” बताया और कार्रवाई की मांग की। रेणुका ने सफाई दी कि पिल्ला सड़क पर भटक रहा था, उन्हें डर था कि गाड़ी से कुचल जाएगा, इसलिए वे उसे ले आईं और बाद में वापस छोड़ दिया।

लेकिन विवाद तब भड़का जब उन्होंने कहा, “सरकार को जानवर पसंद नहीं हैं। काटने-डसने वाले तो संसद के अंदर ही बैठे हैं।” बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने पलटवार किया, “यह विशेषाधिकार का दुरुपयोग है, देश को शर्मसार किया।” सोशल मीडिया पर #RenukaChowdhury और #ParliamentDogRow ट्रेंड कर रहा है।

विधायी एजेंडा: 14 बिलों पर फोकस
हंगामे के बावजूद सरकार ने कई महत्वपूर्ण बिल पेश करने की तैयारी की है। इनमें एटॉमिक एनर्जी बिल, हायर एजुकेशन बिल, इंश्योरेंस एफडीआई बढ़ाने और नए टैक्स फ्रेमवर्क शामिल हैं। सत्र में 15 बैठकें होंगी, जिसमें वित्तीय सुधारों पर जोर होगा। इसके अलावा, ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने पर 10 घंटे की विशेष चर्चा होगी, जिसमें पीएम मोदी भी शामिल होंगे।

विपक्ष नेता राहुल गांधी ने सत्र से पहले कहा कि सरकार संसद को “हाईजैक” कर रही है और केवल अपने बिल पास कराना चाहती है। गौरव गोगोई ने भी यही आरोप लगाया। दूसरी ओर, बीजेपी ने विपक्ष को “हंगामा करने वाला” बताया। सत्र के पहले दिन के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या आने वाले दिन “डिलीवरी” पर फोकस होगा या “ड्रामा” जारी रहेगा?

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