पुलिस के अनुसार, यह घटना समुदाय के दो गुटों के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवाद का नतीजा है। एक गुट के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि दूसरे गुट की नेता सपना गुरु और उनके तीन साथियों ने एक कांफ्रेंस के लिए इकट्ठा किए गए सिक्योरिटी डिपॉजिट को लौटाने से इनकार कर दिया। इसके अलावा, उन पर मारपीट, धमकी देने और हत्या की धमकी देने के आरोप भी लगे हैं। परेशान होकर इन 24 सदस्यों ने आत्महत्या का प्रयास किया। पुलिस ने सपना गुरु को हिरासत में ले लिया है और अन्य आरोपी की तलाश जारी है। एडीसीपी राजेश दंडोतिया ने कहा, “विवाद की पूरी जांच की जा रही है। पदार्थ क्या था और क्यों लिया गया, यह स्पष्ट होगा।”
यह घटना ट्रांसजेंडर समुदाय की असुरक्षा को उजागर करती है। जून 2025 में दो ट्रांसजेंडर महिलाओं के साथ कथित पत्रकार बनकर बलात्कार और ब्लैकमेल की घटना के बाद से समुदाय में आक्रोश व्याप्त था। सोशल मीडिया पर कई पोस्ट्स में समुदाय के सदस्यों ने आरोपी अक्षय कुमार और पंकज जैन की गिरफ्तारी की मांग की है। एक पोस्ट में लिखा गया, “जब डर समुदाय को आत्म-हानि की ओर धकेल दे, तो समाज पहले ही असफल हो चुका है। न्याय जरूरी है।”
भाजपा की एक प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह से मुलाकात कर गहन जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की। सांसद शंकर लालवानी ने कहा, “यह विवाद शहर की छवि खराब कर रहा है। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।” इधर, अस्पताल पहुंचे अन्य समुदाय सदस्यों ने आरोपी की गिरफ्तारी न होने पर फिर आत्महत्या की धमकी दी, जिसे पुलिस ने रोका।
ट्रांसजेंडर अधिकार कार्यकर्ता इस घटना को समुदाय की मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा की कमी का प्रतीक बता रहे हैं। एनएचआरसी और एनसीडब्ल्यू से भी हस्तक्षेप की मांग हो रही है। पुलिस ने कहा कि मरीजों की हालत सुधरने पर उनके बयान दर्ज किए जाएंगे और जांच तेज की जाएगी। यह घटना समाज को सोचने पर मजबूर करती है कि हाशिए पर जी रहे समुदायों की आवाज कैसे सुनी जाए।

