प्राधिकरण की जमीन पर बने आश्रम को हटाने पहुंची टीम पर हमला, किसान नेता का फूटा सिर, जानिए असली खलनायक कौन?
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण लगातार अवैध कब्जों पर ऊपर हार कर रहा है कब्ज़े कैसे हटाया जाए पुलिस और प्राधिकरण के सामने एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। ऐसे में प्राधिकरण की लापरवाही का खामियाजा पुलिस को भी भुगतना पड़ रहा है। ऐसा लगने लगा है कि खलनायक पुलिस है मगर हकीकत में खलनायक की भूमिका में प्राधिकरण है। प्राधिकरण पहले तो आसानी से कब्जा होने देता है। उसके बाद जब अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई होती है। तब पुलिस को ही लोग बुरा भला बोलते है। आज ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के अंतर्गत इटेड़ा गांव में कब्जा हटाने के लिए प्राधिकरण के साथ बिसरख थाने से पुलिस फोर्स गया था। इस दौरान जब अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलना था। तभी प्राधिकरण और कब्जाधारी पक्ष में विवाद हो गया। दोनों पक्षों में मारपीट शुरू हुई। पुलिस बीच बचाव कर रही थी। इसी दौरान किसान नेता का सिर भी फूट गया। आरोप पुलिस पर लगने लगा लेकिन यहाँ ये बात भी ध्यान रखनी चाहिए कि ये कब्जा किसने किया और क्या प्राधिकरण गैरकानूनी तरीके से कब्जा हटा रहा था या फिर कब्जाधारी अपनी मनमानी कर प्राधिकरण को रोकना चाहते हैं?
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करोड़ों की जमीन कराई खाली
बता दें कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने मंगलवार को अधिसूचित गांव सुनपुरा में जमीन पर अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर चलाया। प्राधिकरण ने लगभग 62000 वर्ग मीटर जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया है, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 124 करोड़ रुपये है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने अधिसूचित एरिया में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। परियोजना विभाग अतिक्रमण के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है। मंगलवार को वर्क सर्किल दो की टीम ने सुनपुरा की खसरा संख्या-413, 419, 421, 430, 432, 433, 434, 437, 439, 444 और 455 की 62 हजार वर्ग मीटर जमीन पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की। औसत दर 20 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से इस जमीन की कीमत लगभग 124 करोड रुपए आंकी गई है। कॉलोनाइजर इस जमीन पर अवैध कालोनी काटने की कोशिश कर रहे थे।
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प्राधिकरण के परियोजना विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक राजेश कुमार के नेतृत्व में मंगलवार सुबह वर्क सर्किल दो के प्रबंधक स्वतंत्र वर्मा व राजकुमार तथा सहायक प्रबंधक राजीव कुमार ने फील्ड स्टाफ, क्षेत्रीय थाना पुलिस, पीएसी, प्राधिकरण की पुलिस और सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी में यह कार्रवाई की गई। कार्रवाई लगभग 3 घंटे चली। छह जेसीबी और दो डंपर भी इसका इलाज के लिए लगाए गए थे। परियोजना विभाग के महाप्रबंधक व ओएसडी हिमांशु वर्मा ने चेतावनी दी है कि प्राधिकरण की अधिसूचित एरिया में जमीन कब्जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होेंने परियोजना विभाग के सभी वर्क सर्किल प्रभारियों को अपने एरिया में जमीन पर अतिक्रमण रोकने के लिए कड़ी नजर रखने और अतिक्रमण की सूचना मिलते ही कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। प्राधिकरण की एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग ने कहा है कि अवैध रूप से जमीन कब्जा कर काटी जा रही कॉलोनी में अपनी गाढ़ी कमाई न फंसाएं। अगर किसी कॉलोनाइजर से अवैध कॉलोनी में प्लॉट खरीदा है तो रजिस्ट्री का प्रपत्र लेकर पुलिस से शिकायत करें। साथ ही इसकी एक कॉपी प्राधिकरण को भी उपलब्ध कराएं ताकि ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा है कि ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित एरिया में किसी भी व्यक्ति को अवैध निर्माण करने की इजाजत नहीं है। ग्रेटर नोएडा में कहीं भी जमीन खरीदने से पहले प्राधिकरण से संपर्क कर पूरी जानकारी जरूर प्राप्त कर लें।