वैसे तो मर्डर के केस होते रहते है लेकिन कुछ ऐसे जिनकी दास्ता सुनकर रुह कांप उठे। ऐसे ही मामला गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन की केडब्ल्यू सृष्टि सोसायटी के रहने वाले इंटीरियर डिजाइनर तरुण पंवार (35) का है। जिसका 16 अगस्त को अपहरण कर गला दबाकर व मारपीट कर मर्डर कर दिया गया। इसके बाद कार में ले जाकर बुलंदशहर के बीबीनगर में शव के 6 टुकड़े करके धड़ और पैर बीबीनगर में नहर में फेंके और सिर और हाथ बाबूगढ़ में फेंक दिए। इस खौफनाक वारदात को अंजाम देने वाले पुलिस गिरफ्त में आ चुके है। मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों के गिरफ्तार किया है।
प्रेम प्रसंग का मामला आया सामने
पुलिस पूछताछ में प्रेम प्रसंग के मामले में हत्या करने की बात सामने आई है। पुलिस ने आरोपियों के पास वारदात में प्रयुक्त फावड़ा, दरांती, दो गद्दे, कार, तरुण की कार बरामद की है। साथ ही बुलंदशहर के औरांगाबाद थाना क्षेत्र से दायां पैर भी बरामद किया है। डीसीपी नगर राजेश कुमार ने कहा कि बुलंदशहर के बीबीनगर के गांव खरकाली निवासी पवन, वंश और राजनगर एक्सटेंशन की औरा कायमेरा सोसायटी निवासी अंजली को गिरफ्तार किया है। अंजली इसी सोसायटी में हेल्प डेस्क मैनेजर है। मामले में बीबीनगर के चित्तसौना निवासी दीपांशु, लोनी के इंद्रापुरी निवासी अक्षय, जीते, अंकुर, मनोज और अंकित फरार हैं। इनकी तलाश की जा रही है। अक्षय अंजली का बहनोई है। वारदात का मुख्य आरोपी पवन है। पूछताछ में पवन ने हत्या की बात स्वीकार की है। पूछताछ के दौरान पवन पुलिस को बताया है कि वह अंजलि को पसंद करता है। अंजली से तरुण के भी संपर्क थे। तरुण और अंजली की नजदीकियां काफी बढ़ने लगी थीं। इसकी जानकारी उसे हुए तो उसने अंजली से बात करने के बाद तरुण की हत्या की साजिश रची। इसके बाद अंजाम देनेकी तैयारी की। जिसमें उसने अंजली के जीजा अक्षय और अपने दोस्तों को भी शामिल किया। अंजली के अक्षय से भी संबंध है। अंजली ने अपने मोबाइल में तरुण का नंबर लड़की के नाम से सेव किया हुआ था। जिससे अक्षय भी नाराज था इसलिए वह भी इस घटना में शामिल हो गया।
यह भी पढ़े : ईएसआईसी अस्पताल की लापरवाही से जा रही मरीजों की जान, क्या श्रमिको का उत्थान या शोषण
ऐसे रची मर्डर की साजिश
डीसीपी राजेश कुमार ने बताया कि जांच में सामने आया आरोपियों ने पूरी साजिश के तहत वारदात की। इन्होंने सबसे पहले फर्जी आईडी पर नया सिम और एक मोबाइल खरीदा था। उसी से पवन ने कॉल करके तरुण को इंटीरियर का काम दिलवाने के लिए 16 अगस्त को कॉल की और मोरटा बुलाया। जहां से वह उसे मधुबन बापूधाम में मनोज के घर ले गए। यहां पहले से पवन, जीते, अंकुर, दीपांशु और अंकित मौजूद थे। घर में ले जाकर सभी ने मिलकर तरुण रस्सी से बांध लिया और उसका गला दबाया। इसके बाद उसकी पिटाई की। दीपांशु ने तरुण के सिर पर डंडा मार दिया जिसके बाद वह बेहोश हो गया और कुछ देर बाद मौत हो गई। अंकुर घर के बाहर खड़ा होकर निगरानी कर रहा था। इसके बाद शव ठिकाने लगाने के लिए पूरी प्लानिंग से काम किया। मगर पुलिस ने कड़ियां जोड़ी और हत्यरों तक जा पहुंची।