‘ब्लास्ट की आवाज से कान सुन्न हो गया, दोस्त 80% झुलसा’

Red Fort Metro Station News: राजधानी दिल्ली के लाल किले मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम हुए भयानक कार ब्लास्ट ने पूरे देश को दहला दिया। इस हादसे में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 24 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं। घटनास्थल पर खौफनाक मंजर था- सड़क पर बिखरे शरीर के टुकड़े, जलती गाड़ियां और चीखते घायल। लेकिन इस सबके बीच एक घायल युवक राहुल की आपबीती सुनकर रूह कांप जाएगी। एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में राहुल ने बताया कि कैसे वह और उनका दोस्त अंकुश मोमोज खाने जा रहे थे, तभी मौत बनकर धमाका आ गया।

राहुल (उम्र 22 वर्ष) ने हाड़ कंपाने वाली घटना बयां की। वह बोले, “हम दोनों दोस्त लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सुभाष मार्ग पर ट्रैफिक सिग्नल पर खड़े थे। शाम करीब 6:52 बजे मोमोज की स्टॉल की ओर बढ़े ही थे कि अचानक एक जोरदार धमाका हुआ। ऐसा लगा जैसे धरती फट रही हो। ब्लास्ट इतना तेज था कि मेरे बाएं कान से अब तक कुछ सुनाई नहीं दे रहा। कान सुन्न हो गया, शरीर कांपने लगा। मैं तीन बार गिर पड़ा।

चारों तरफ धुआं और आग का गोला छा गया। पास खड़ी ह्यूंडई i20 कार में विस्फोट हुआ था, जिसमें कुछ लोग सवार थे।” राहुल के मुताबिक, धमाके की तीव्रता इतनी थी कि 2 किलोमीटर दूर तक आवाज गूंजी और आसपास की गाड़ियों के शीशे टूट गए।

राहुल ने आगे बताया कि धमाके के बाद का मंजर किसी भयानक सपने से कम नहीं था। “मैंने देखा तो सड़क पर इंसानी अंग बिखरे पड़े थे- कहीं हाथ, कहीं फेफड़े। कई शवों के सिर ही गायब थे। जूते खून से भीग गए। जलते हुए लोग चीखते-चिल्लाते भाग रहे थे। मेरा दोस्त अंकुश सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। वह 80% झुलस गया। उसके चेहरे पर जख्म, पैर टूटे हुए। मैंने किसी तरह उसे उठाया और एम्बुलेंस में डाला। वह रोहतास नगर, शाहदारा का रहने वाला है और आईसीयू में जिंदगी-मौत की जंग लड़ रहा है।” राहुल खुद भी पैरों में जलन और चोटें झेल रहे हैं। जीटीबी अस्पताल में प्लास्टर बंधवाने के बाद वह अब घर लौट चुके हैं, लेकिन सदमे से उबर नहीं पा रहे।

चश्मदीदों की मानें तो ब्लास्ट कार में ही हुआ, जिसमें हरियाणा नंबर प्लेट लगी थी। दिल्ली पुलिस के अनुसार, विस्फोट में कोई छर्रे या कीले नहीं मिले, जो सामान्य बम ब्लास्ट से अलग है।

एलएनजेपी अस्पताल के डॉक्टर मनीष झा ने बताया, “घायलों के पेट और पैरों में कंक्रीट के टुकड़े घुस गए हैं। कुछ की आंतें बाहर आ गईं। कईयों का शरीर पूरी तरह झुलस गया है। छर्रों को निकालकर जांच एजेंसियों को सौंपा जा रहा है।” मृतकों में अमरोहा (यूपी) के अशोक और उत्तराखंड-हिमाचल के लोग शामिल हैं। घायलों में दिल्ली के अलावा यूपी, उत्तराखंड के निवासी भी हैं।

गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार रात अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना और जांच का जायजा लिया। उन्होंने कहा, “घटना की हर एंगल से जांच होगी। सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। एनआईए, एनएसजी और स्पेशल क्राइम ब्रांच की टीमें मौके पर हैं।” दिल्ली पुलिस ने पूरे इलाके में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। एनडीटीवी के अनुसार, ब्लास्ट वाली कार नदीम खान नामक व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड थी।

एक चश्मदीद देव किशोर (21 वर्ष) ने न्यूजलॉन्ड्री को बताया, “मैंने घायलों की मदद की, लेकिन दृश्य इतना भयावह था कि अब तक सदमे में हूं। सड़क पर कटा हुआ हाथ-फेफड़ा बिखरा था। आग की लपटें कई मीटर दूर दिखीं।” एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी पीयूष ने कहा, “ब्लास्ट के बाद पांच मिनट तक कुछ समझ ही नहीं आया। भगदड़ मच गई, लगा सब मर जाएंगे।”

यह हादसा दिल्ली के व्यस्त इलाके में हुआ, जहां शाम का समय होने से भीड़ थी। लोग ऑफिस से लौट रहे थे या बाजार से खरीदारी कर मेट्रो की ओर जा रहे थे। इस घटना ने न सिर्फ परिवारों को तोड़ा है, बल्कि पूरे शहर में दहशत फैला दी है।

राहुल की आपबीती सुनकर लगता है कि यह सिर्फ ब्लास्ट नहीं, बल्कि एक ऐसी त्रासदी है जो जिंदगियों को हमेशा के लिए बदल देगी। जांच जारी है, और उम्मीद है कि दोषियों को सजा मिलेगी।

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