“शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो” का नारा आज भी प्रासंगिक: उपनिदेशक

ghaziabad news   नेहरू युवा केंद्र एवं माय भारत गाजियाबाद ने सोमवार को विकास कुंज में उपनिदेशक देवेंद्र कुमार के नेतृत्व में संविधान निर्माता, भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती धूमधाम से मनाई।
जिला सलाहकार समिति सदस्य जितेंद्र सेन ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
नेहरू युवा केंद्र के उपनिदेशक देवेंद्र कुमार ने बाबा साहेब के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि डॉ. अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में छुआछूत जैसी सामाजिक बुराइयों का डटकर सामना किया और 32 डिग्रियों के साथ शिक्षा के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किया।
उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी और लंदन स्कूल आॅफ इकोनॉमिक्स से उच्च शिक्षा प्राप्त की और भारत के संविधान निर्माण में अहम भूमिका निभाई। वह स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री भी बने। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर का संदेश “शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो” आज भी उतना ही प्रासंगिक है। बाबा साहेब डॉ भीमराव के अनुसार संविधान सिर्फ वकीलों का दस्तावेज नहीं, बल्कि एक जीवन-दृष्टि है। इस अवसर पर युवाओं के बीच भाषण प्रतियोगिता भी कराई गई। जिसमें रितु ने प्रथम, फरजाना ने द्वितीय और भावना ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। सभी विजेताओं को मेडल और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।

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