पाकिस्तान सरकार को सीधे धमकी दी जा रही है। ऐसे में कई सवाल उइ रहे है। दरअसल, बलूचिस्तान प्रांत सबसे अशांत माना जाता है, यहां पर काफी हिंसक घटनाए देखने को मिलती है। हाल के दिनों में जिस तरह से बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने पाक सेना को निशाने पर लिया है, यह पूरा इलाका ही फिर चर्चा में आ चुका है। अब सभी की नजर में बलूचिस्तान में हिंसक प्रदर्शन के जरिए आंदोलन किया जा रहा है, मगर कहानी कुछ और है। बीएलए ने जरूर हथियार का रास्ता चुना है, लेकिन इसी बलूचिस्तान की धरती पर कुछ ऐसे भी लोग हैं जो गांधीवादी रास्ते के जरिए पाकिस्तान को सबक सिखा रहे हैं।
कौन हैं महरंग बलोच
इस सबके बीच ऐसी ही एक महिला का नाम है महरंग बलोच जो कई वर्षों से बलूचिस्तान में आंदोलन छेड़े बैठी हैं। जब से बलूचिस्तान में कई लोगों का अपहरण हुआ है, उनकी तरफ से इसे बड़ा मुद्दा बनाया गया है। उनके बेखोफ इंटरव्यू, उनकी पाक सरकार को धमकियां आग की तरह वायरल हो जाती हैं। वर्तमान में महरंग बलोच बलूच एकजहटी कमेटी की नेता और डॉक्टर हैं। उनका पेशा तो डॉक्टरी ही है, लेकिन 2006 से वे सोशल ऐक्टिविज्म का किरदार निभा रही हैं।
बता दें कि महरंग ने कभी भी अपने आंदोलन के लिए हिंसा का सहारा नहीं लिया है, उनकी तरफ से बलूच लड़ाकों की तरफ से पाक सेना पर हमला नहीं किया गया है, उन्होंने तो सिर्फ शांति और अहिंसा के रास्ते पर चल पाकिस्तान को एक्सपोज करने का काम किया है।
उनके पिता का हुआ था अपहरण
बताया जा रहा है कि शुरुआत से महरंग कोई इस काम के साथ नहीं जुड़ी थीं, उनके पिता एक मानवाधिकार कार्यकर्ता थे, राजनीति में भी सक्रिय रहते थे। लेकिन 2009 में उनका अपहरण हुआ और फिर खराब हालत में दो साल बाद शव मिला। उसके बाद से ही महरंग बलोच ने अपनी राह बदल ली थी, उन्हें पता था कि उनके पिता का अपहरण होना कोई एक मामला नहीं था, बलूचिस्तान में तो ऐसे सैंकड़ों केस थे। इसके बाद 2017 में महरंग के भाई को भी किडनैप किया गया, लेकिन लगातार विरोध प्रदर्शन की वजह से एक साल में उनकी वापसी हुई। अब भाई पर हुए इस आघात को महरंग कभी माफ नहीं कर पाईं और उन्होंने उसके बाद ही बलूच एकजहती कमेटी नाम का संगठन शुरू किया। उसके बाद से तो नजाने कितने आंदोलनों की आवाज महरंग बन चुकी हैं, अपने गांधीवादी अंदाज में उन्होंने दिन में पाक सरकार को तारे दिखाए हैं।