इंडिया(INDIA) गठबंधन की राह आसान नही, सीट बंटवारें पर फंस सकता है पैंच
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इंडिया(INDIA) गठबंधन की राह आसान नही, सीट बंटवारें पर फंस सकता है पैंच

संसद से लगातार लोकसभा और राज्यसभा सांसद सस्पेंड हो रहे हैं अब तक 141 सांसद सस्पेंड हो चुके हैं लोकसभा में केवल 43 सांसद ही बचे हैं ऐसा लगने लगा है कि अब लोकसभा विपक्ष विहीन हो जाएगा या यू रहेगी लोकसभा को विपक्ष विहित करने का अभियान शुरू हो चुका है राज्यसभा से अब तक 43 सांसद सस्पेंड हो चुके हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है ये सभी सरकार से सवाल कर रहे थे और गृहमंत्री अमित शाह का बयान लोकसभा में चाहते हैं ताकि 13 दिसंबर को हुए संसद में घुसपैठ के बारे में सुरक्षा इंतजारों पर वह अपना वक्तव्य रख सके लेकिन हंगामा और उग्रता का मामला बनाकर सांसदों को सस्पेंड किया जा रहा है इस सबके बीच इंडिया (INDIA) गठबंधन ने भी दिल्ली में चैथी बैठक बुलाई इससे पहले 23 जून को पटना में 17 18 जुलाई को बेंगलुरु में और 31 अगस्त को मुंबई में बैठक की गई थी। बेंगलुरु में हुई बैठक से गठबंधन का नाम सामने आया यानी इंडिया। 19 दिसंबर को दिल्ली में सांसदों के सस्पेंशन के बीच बैठक की गई, ताकि लोकतंत्र को निलंबन तंत्र से बचाया जा सके। बैठक से अहम बात सामने आई कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव पं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रखा और उसका समर्थन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी किया लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे खुद को इससे बाहर करते हुए कहा कि पहले जीतना जरूरी है।

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अब समझते हैं मल्लिकार्जुन खड़गे को पीएम का चेहरा बनाने की केमिस्ट्री क्या दरअसल खड़गे दलित समाज से आते है भाजपा भी दलितो को एक साथ जोड़ने में कोई कसर नही छोड़ रही। इसके अलावा जब भी राहुल गांधी का नाम जनता के बीच जाता है तो पीएम मोदी के सामने वह काफी छोटे दिखाई देते हैं। भाजपा सोशल मीडिया पर उनकी छवि पर अटैक करता है। ऐसे में मोदी के सामने कौन होगा इस पर लगातार विचार विमर्श हो रहा है। मल्लिकार्जुन खड़के ने फिलहाल खुद को पीएम की दौड़ से बाहर कर लिया है ऐसे में लालू और नीतीश की जोड़ी भी एक नई केमिस्ट्री बन सकती है लालू यादव चाहते हैं कि इंडिया गठबंधन का संयोजक नीतीश कुमार को बना दिया जाए। क्योंकि संयोजक गैर कांग्रेसी होना चाहिए इस सबके बीच एक सवाल यह है की सीट बंटवारे पर क्या होगा? सीट बंटवारे पर लगातार तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है।

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ऐसे में सूत्र बता रहे हैं कि जो पार्टी जिस क्षेत्र में अच्छा वर्चस्व रखती है उसको सीट बंटवारे में प्राथमिकता दी जाएगी ऐसे में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी बंगाल में टीएमसी दिल्ली में आम आदमी पार्टी डिसाइड करेगी की किसको कितनी सीट दी जाए इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव तक मजबूती से चलेगा या नहीं कहना मुश्किल लेकिन सभी पार्टियों की अपनी अपनी आकांक्षाएं हैं और उम्मीदें हैं सीट बंटवारा किस फार्मूले किया जाएगा यह नीतीश कुमार ने कहा है फार्मूला क्या होगा यह भी तय होना बाकी है। देखा होगा कि जिस वक्त मध्य प्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ तेलंगाना में चुनाव चल रहे थे। उसे दौरान कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में जुबानी जंग शुरू हो गई थी। लगने लगा था कि अब आपस में मतभेद बढ़ गए हैं लेकिन इंडिया गठबंधन की बैठक में अखिलेश यादव खुद मौजूद रहे। केवल दो पार्टियों के ही प्रमुख वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से इस बैठक में जुड़े रहे। निष्कर्ष के तौर पर फिलहाल कुछ सामने नहीं आ पाया है मगर जनवरी के आखिरी में इंडिया गठबंधन एकजुट होकर देश के अलग-अलग हिस्सों में जनसभाएं करेगा फिर वही सवाल है मोदी के सामने कौन होगा क्योंकि राजस्थान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी भाजपा ने अपना सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया था इसलिए माना जा रहा है कि यह चुनाव मोदी के चेहरे पर हुआ था।

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