सपा-बसपा में जिन अफसरों की थी धमक, अब उन पर कसा जा रहा है शिकंजा, प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन राकेश बहादुर के घर छापा

IT Raid On Ex IAS Rakesh Bahadur: सपा बसपा कार्यालय में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण में सीईओ एवं चेयरमैन रहे आईएएस अफसरों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। ज्यादातर ऐसे अफसर हैं जिन्होंने जमकर मलाई काटी। प्राधिकरण को नुकसान पहुंचाया और बिल्डरों को फायदा। रमा रमण के बाद अब राकेश बहादुर निशाने पर आ चुकें हैं। ये बात अलग है कि मोहिन्दर सिंह, रमा रमण की जांच ईडी कर रही है। लेकिन राकेश बहादुर पर शिकंजा आयकर विभाग ने कसा है। रियल एस्टेट कंपनी एमआई बिल्डर्स के दिल्ली में ठिकानों के साथ आयकर विभाग ने रिटायर्ड आईएएस अफसर राकेश बहादुर के घर को भी खंगाला है। ग्रेटर नोएडा की जेपी ग्रीन टाउनशिप में रहने वाले राकेश बहादुर के विला में आयकर विभाग की टीम पुलिस की मौजूदगी में छानबीन कर रही है। विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो उन्होंने अपनी काली कमाई को एमआई बिल्डर्स के पास इंनवेस्ट किया था। वह बसपा और सपा सरकार में कई अहम पदों पर तैनात रह चुके हैं।
एमआई बिल्डर्स के ठिकानों पर छापे
बता दें कि एमआई बिल्डर्स के ठिकानों पर छापे में रिटायर्ड आईएएस के ग्रेनो के घर का पता चलने के बाद आनन-फानन में सर्च वारंट लेकर छापा मारा गया। यहां करोड़ों रुपये की चल-अचल संपत्तियों के दस्तावेज बरामद किए गए हैं। आयकर अधिकारी रिटायर्ड आईएएस से पूछताछ कर उनका बयान दर्ज रहे हैं। वहीं, एमआई बिल्डर्स के संचालक मोहम्मद कादिर अली से पूर्व आईएएस के साथ कारोबारी रिश्तों को लेकर पूछताछ की जा रही है। दोनों के बयानों को अधिकारी सत्यापित भी कर रहे हैं। अब तक की जांच में दोनों के बीच करीब 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के लेन-देन होने के सबूत हाथ लग चुके हैं। संपत्तियों के दस्तावेजों की जांच के बाद यह रकम कई गुना अधिक होने की उम्मीद जताई जा रही है। आईटी विभाग जल्द इस बारे में अहम खुलासा करने की तैयारी में है।

राकेश बहादुर नोएडा के भूमि घोटाले में फंसे चुके है
बता दें कि आईटी जांच की दायरे में आए रिटायर्ड आईएएस राकेश बहादुर बसपा सरकार में अंजाम दिए गए नोएडा भूमि घोटाले में भी फंस चुके है। उनके खिलाफ सीबीआई ने भी जांच की थी। बाद में हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए भविष्य में उन्हें पश्चिमी उप्र से दूर रखने का आदेश दिया था। मगर सपा सरकार आने पर उन्हें दोबारा नोएडा में ही तैनात कर दिया। इससे पता चलता है कि इन दोनों सरकारों में उनकी कैसे धमक रही होगी।

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