निपुण परीक्षा में दो के बजाए तीन घंटे लगे

जिले के परिषदीय स्कूलों में तीसरी बार नेट परीक्षा शांतिपूर्ण संपन्न
ghaziabad news  जिले के परिषदीय स्कूलों में तीसरी बार नेट ( निपुण असेसमेंट टेस्ट) परीक्षा का आयोजन किया गया, मगर शिक्षकों की कमी का असर परीक्षा पर भी देखने को मिला। जो परीक्षा दो घंटे में होनी थी उसमें एक से डेढ़ घंटे अधिक समय लगा। कई स्कूलों में देर से शुरूआत हुई। पहले दिन कक्षा एक से तीन के छात्र शामिल हुए। परीक्षा को लेकर बच्चों में खासा उत्साह देखा गया। जिले के 389 परिषदीय स्कूलों में गुरुवार को कक्षा एक से तीन तक के छात्रों के शैक्षिक आंकलन के लिए नेट (निपुण असेसमेंट टेस्ट)परीक्षा का आयोजन किया गया। परीक्षा के दौरान छात्रों की हिंदी और गणित विषय की दक्षता को परखा गया। परीक्षा ओएमआर शीट पर हुई। इसके लिए सुबह 9.30 बजे से लेकर 11.30 बजे तक का समय निर्धारित था, मगर शिक्षकों की कमी के चलते परीक्षा समय पर संपन्न नहीं सकी। असल में छोटे होने के चलते कक्षा एक से तीन तक के बच्चे ओएमआर शीट भरने में असमर्थ हैं। ऐसे में शिक्षकों को ही बच्चों से पूछकर ओएमआर पर गोले भरने को कहा गया। एक-एक बच्चे को बुलाकर उनसे पूछकर शिक्षकों ने खुद ओएमआर शीट भरी। इसकी वजह से परीक्षा में एक से डेढ़ घंटे अधिक समय लगा। सबसे अधिक परेशानी नगर क्षेत्र के स्कूलों में हुई। इसी वजह से पेपर 11.30 के बजाय कहीं 12.30 तो कहीं एक बजे तक पूरा हुआ। परीक्षा में ओएमआर शीट पर हुई। सभी छात्रों की हाजिरी आॅनलाइन परख ऐप पर लगाई गई। परीक्षा के बाद ऐप के जरिए ही आंसर शीट को स्कैन करके राज्य परियोजना कार्यालय को प्रेषित किया।

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दो हजार से अधिक छात्र रहे अनुपस्थित
अभिभावकों को जागरुक करके शत-प्रतिशत उपस्थिति की लाख कोशिशों के बावजूद भी 2,011 छात्र परीक्षा देने नहीं पहुंचे। निपुण भारत मिशन के तहत आयोजित परीक्षा में कक्षा एक से तीन तक के कुल पंजीकृत 28,209 में से 26,198 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी। सबसे अधिक 75.5 फीसदी उपस्थिति रजापुर और सबसे कम 89 फीसदी उपस्थिति नगर क्षेत्र में रही। बीएसए ने बताया कि अब शुक्रवार को कक्षा चार से लेकर आठ तक के छात्रों की परीक्षा होगी।
45 अधिकारी, उड़न दस्ते और कंट्रोल रूम ने संभाला मोर्चा
परीक्षा के आयोजन के लिए इस बार 45 अधिकारियों की टीम, उड़ने दस्ते और कंट्रोल रूम की व्यवस्था रही। जिला समंवयक डीसी ट्रेनिंग अरविंद कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी द्वार प्रत्येक विकास खंड के लिए गठित तीन सदस्यीय उड़न दस्तों ने व्यवस्था की जांच पड़ताल की। इसके अलावा 224 विद्यालयों के लिए 45 जनपद स्तरीय अधिकारियों ने भी स्कूलों में जाकर निरीक्षण किया। तकनीकी तथा अन्य समस्याओं के समाधान के लिए जनपद एवं ब्लाक स्तर पर कंट्रोल रूम भी बनाए गए। जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बीईओ, जिला समंवयक, समस्त एआरपी आदि सभी अधिकारियों ने स्कूलों का निरीक्षण किया।
क्या कहते हैं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी यादव ने बताया कि परीक्षा सकुशल संपन्न हुई है। कहीं कोई परेशानी की शिकायत नहीं मिली है। निपुण असेसमेंट परीक्षा का मकसद छात्रों का शैक्षिक आंकलन करना है। परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर छात्र जिस भी विषय में कमजोर हैं उन्हें दूर किया जाएगा।

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