ghaziabad news हम लोग बड़ी आसानी से कह देते हैं कि पुलिस कुछ नहीं करती, जबकि पुलिस की वर्किंग नजदीक से देखेंगे तो पता चल जाएगा कि ऐसी धारणा सही नहीं है। पुलिस वो तमाम काम भी करती है, जो कोई नहीं करता। अब शालीमार गार्डन थाना पुलिस को ही देखिए, पुलिस रविवार शाम को सूचना मिली कि यह पेट्रोल पंप के पास एक महिला बच्ची का शव गोद में उठाए घूम रही है। महिला के मैले कुचैले कपड़ों को देखकर लोग अंदाजा लगा चुके थे कि उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं है। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा कि महिला की गोद में बच्ची के शव से दुर्गंध आ रही थी, यानि शव कई दिन पुराना था। महिला उसे अपने तन से जुदा करने का राजी नहीं थी, लेकिन पुलिस ने किसी तरह बच्ची का शव अपने कब्जे में लिया। महिला ने पुलिस को बताया कि यह उसकी बेटी है कीर्ति। खराब मानसिक स्थिति के चलते महिला उसे मृत मानने को तैयार नहीं थी। खैर पुलिस ने जैसे तैसे महिला को समझाया और शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी पहुंचाया।
एसीपी शालीमार गार्डन सलोनी अग्रवाल ने बताया कि पुलिस ने महिला का मेडिकल परीक्षण कराया है। उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। पुलिस को यह भी पता चला है कि महिला क्षेत्र में कूड़ा बीनने का काम करती थी। उसने पुलिस को कभी अपना नाम सुनीता बताया तो कभी सरिता और सीमा। बच्ची की मौत के बाद उसे इतना सदमा लगा कि वह बच्ची को मरा मानने को तैयार नहीं थी, इसीलिए कई दिन तक उसे अपने आंचल से चिपकाए घूमती रही। इस सदमें में वह अपना सही नाम तक नहीं बता पा रही है।