The iPhone 17 Pro Max’s ‘saffron’ color scheme: एपल ने हाल ही में लॉन्च किए गए आईफोन 17 सीरीज के प्रो और प्रो मैक्स मॉडल्स में ‘कॉस्मिक ऑरेंज’ कलर को पेश किया है, जो भारत में ‘भगवा’ के नाम से वायरल हो गया है। यह रंग न केवल भारतीय बाजार में जबरदस्त डिमांड पैदा कर रहा है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी बहस का विषय बन गया है। हालांकि, लॉन्च के महज दो हफ्तों में ही ‘स्क्रैचगेट’ विवाद ने एपल की चमक को फीका कर दिया है। यूजर्स का दावा है कि आईफोन 17 पर स्क्रैच जल्दी आ रहे हैं, जबकि सैमसंग जैसे प्रतिद्वंद्वी इनोवेशन और टिकाऊपन में आगे निकलते जा रहे हैं।
‘भगवा’ आईफोन: भारतीय बाजार का नया चहेता, लेकिन फायदे की उम्मीद कम
एपल ने 9 सितंबर 2025 को आईफोन 17 प्रो और प्रो मैक्स को तीन नए फिनिशेस—डीप ब्लू, कॉस्मिक ऑरेंज और सिल्वर—में उतारा। कॉस्मिक ऑरेंज को भारत में ‘भगवा’ कहा जा रहा है, क्योंकि यह केसरिया रंग की याद दिलाता है। सोशल मीडिया पर यूजर्स इसे ‘स्वदेशी’ मंत्र से जोड़ रहे हैं, खासकर इसलिए क्योंकि आईफोन अब भारत में असेंबल हो रहे हैं। दिल्ली के एक मुस्लिम यूजर ने कहा, “मैं मुस्लिम हूं, लेकिन यह भगवा आईफोन 17 मुझे बहुत पसंद है। नया रंग और फीचर्स कमाल के हैं।”
प्रि-ऑर्डर रिकॉर्ड्स तोड़ रहे हैं, खासकर मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में। एपल स्टोर पर कतारें लग रही हैं, और इंस्टाग्राम पर #BhagwaIphone ट्रेंड कर रहा है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह कलर वेरिएंट एपल को भारत में ज्यादा फायदा नहीं देगा। बाजार विश्लेषकों के अनुसार, भारतीय उपभोक्ता अब वैल्यू फॉर मनी और इनोवेटिव फीचर्स की तलाश में हैं, न कि सिर्फ कलर चेंज के। एपल का मार्केट शेयर 2025 में 25% तक गिर चुका है, जबकि सैमसंग 35% पर कायम है।
स्क्रैचगेट विवाद: यूजर्स का गुस्सा, एपल का सफाया
लॉन्च के तुरंत बाद आईफोन 17 प्रो मॉडल्स पर स्क्रैच की शिकायतें उमड़ पड़ीं। सोशल मीडिया पर यूजर्स डेमो मॉडल्स की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं, जहां डिस्प्ले पर गहरे निशान साफ दिख रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “आईफोन 17 प्रो मैक्स को लॉटरी स्क्रैच कार्ड की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है!” रेडिट पर थ्रेड्स में यूजर्स कह रहे हैं कि एल्यूमिनियम बॉडी आसानी से खरोंच मार लेती है, और कैमरा प्लेटो के किनारों पर चैंफर न होने से समस्या बढ़ जाती है।
एपल ने 24 सितंबर को जवाब दिया कि ये ‘स्क्रैच’ नहीं, बल्कि इन-स्टोर मैगसेफ चार्जर्स से मैटेरियल ट्रांसफर हैं। कंपनी का दावा है कि क्लीनिंग फ्लूइड से ये मिट जाते हैं। लेकिन यूजर्स इससे संतुष्ट नहीं। मैक रूमर्स ने रिपोर्ट किया कि स्टोर डेमो यूनिट्स पर गहरे निशान साफ महसूस होते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, यह विवाद आईफोन 16 के स्क्रैचगेट की याद दिला रहा है, और अब आईफोन 17 एयर मॉडल पर भी शिकायतें आ रही हैं। एक यूजर ने शेयर किया, “मेरा आईफोन 17 प्रो मैक्स अब तक स्क्रैच-फ्री है, लेकिन केस जरूरी है।”
सैमसंग से क्यों पिछड़ रहा आईफोन? इनोवेशन और टिकाऊपन की कमी
2025 में एपल का मार्केट शेयर गिरने की मुख्य वजह सैमसंग का तेजी से आगे बढ़ना है। टॉम्स गाइड की रिपोर्ट के मुताबिक, सैमसंग के फोल्डेबल फोन्स (जैसे गैलेक्सी Z सीरीज) और सस्ते मिड-रेंज ऑप्शन्स ने उपभोक्ताओं को आकर्षित किया है। एपल अभी तक फोल्डेबल्स में पीछे है, और आईफोन 17 की ड्यूरेबिलिटी सैमसंग गैलेक्सी S25 से कमतर साबित हो रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि एपल इनोवेशन में पिछड़ रहा—एआई फीचर्स, कस्टमाइजेशन और बैटरी लाइफ में सैमसंग आगे है। यूट्यूब एनालिसिस में कहा गया कि एपल की ‘प्रीमियम’ इमेज अब रिस्ट्रिक्टिव सॉफ्टवेयर और हाई प्राइस से प्रभावित हो रही है। हालांकि, एपल के सॉफ्टवेयर अपडेट्स (7-8 साल तक) सैमसंग से बेहतर हैं। रेडिट पर बहस है कि एंड्रॉयड ओएस ज्यादा फ्लेक्सिबल है, जिससे यूजर्स शिफ्ट हो रहे हैं।
निष्कर्ष: एपल को सुधार की जरूरत
‘भगवा’ आईफोन ने भारतीय बाजार में उत्साह जगाया, लेकिन स्क्रैचगेट और सैमसंग की बढ़त ने एपल की चुनौतियां उजागर कर दीं। कंपनी को ड्यूरेबिलिटी और इनोवेशन पर फोकस करना होगा, वरना मार्केट शेयर और गिर सकता है। यूजर्स सलाह दे रहे हैं: केस यूज करें और मैगसेफ स्टैंड्स से सावधान रहें। क्या एपल जल्द ही अपडेट लाएगा? आने वाले हफ्तों में साफ होगा।

