हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब

दिल्ली एयरपोर्ट पर मंडराते खतरे को लेकर जनहित याचिका
new delhi news  दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के आसपास के 10 किलोमीटर के इलाके में स्थित बूचड़खानों को बंद करने के लिए हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई गई है। याचिका में कहा गया है कि इन बूचड़खानों की वजह से आसपास के इलाकों में पक्षी मंडराते रहते हैं, जिनके विमानों से टकराने का खतरा बना रहता है और ऐसे में इनसे यात्रियों की सुरक्षा को गंभीर खतरा है। जिसके बाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) और अन्य से जवाब मांगा है।
मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने डीजीसीए, भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई), दिल्ली सरकार, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली विकास प्राधिकरण और दिल्ली पुलिस के माध्यम से केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और जनहित याचिका में उठाई गई चिंताओं को कम करने वाले उपायों पर अपना रुख बताने को कहा है।
डराने वाले हैं आंकड़े 
याचिका में बताया गया है कि साल 2018 से 2023 के बीच दिल्ली एयरपोर्ट पर पक्षियों के टकराने की कुल 705 घटनाएं हुईं, जो छह अलग-अलग राज्यों के 29 एयरपोर्ट पर दर्ज की गई पक्षियों के टकराने की घटनाओं की कुल संख्या से अधिक थी। दोनों जजों की पीठ ने कहा, ‘याचिका में उठाई गई चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, जिम्मेदारों को नोटिस जारी किए जाएं।’ इसके साथ ही पीठ ने हलफनामा जमा करने के लिए छह सप्ताह का वक्त देते हुए अगली सुनवाई के लिए 14 मई की तारीख निर्धारित की।

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