Ghaziabad news बीएस 3 मानक के वाहन एक नवंबर से दिल्ली की सीमा में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। इसके लिए गाजियाबाद जिला प्रशासन ने कड़ाई से पालन करते हुए रोक लगा दी है।
आरटीओ विभाग ने आदेश जारी किया है कि सीएनजी, एलएनजी, ईवी, बीएस- 4 वाहनों को ही यूपी की सीमा से दिल्ली की तरफ प्रवेश किया जाएगा। नियम तोड़ने वाले वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
गाजियाबाद के एआरटीओ प्रवर्तन मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग नई दिल्ली सीएक्यूएम के आदेश के अनुसार दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाणिज्यिक वाहनों से होने वाले उच्च प्रदूषण उत्सर्जन के कारण यह लागू रहेगा। एक नवंबर से दिल्ली में भारत स्टेज- 4 वाहन, सीएनजी, एलएनजी, इलेक्ट्रिक (ईवी) वाहनों के अतिरिक्त अन्य श्रेणी के समस्त परिवहन व वाणिज्यिक माल वाहनों के प्रवेश पर सख्त प्रतिबंध लगाया जा रहा है। इस सम्बन्ध में ध्यान देने योग्य विषयक यह है कि माल वाहनों में भारत स्टेज- 4 को दिल्ली आने-जाने में छूट प्रदान की गई है।
कल रात्रि तक के लिए दी गई छूट
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग नई दिल्ली ने पूर्व में आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले आवश्यक सेवायें प्रदान करने वाले ऐसे गैर भारत स्टेज 4 मानक के परिवहन व वाणिज्यिक माल वाहनों को 31 अक्टूबर की रात्रि तक अवधि के लिये दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति दी जायेगी।
गाजियाबाद व नोएडा से होती है दिल्ली में एंट्री
गाजियाबाद व नोएडा के दिल्ली बॉर्डर पर सख्त निगरानी बरती जाएगी। ऐसे वाहनों को रोकने के लिये दोनों जनपदों में परिवहन विभाग व ट्रैफिक पुलिस एक नवंबर से अभियान चलाकर कार्रवाई करेगी।
एडिशनल डीसीपी ट्रैफिक त्रिगुुण बिसेन ने बताया कि बीएस 3 वाहनों पर सख्ती से कार्रवाई होगी।
एडिशनल डीसीपी ट्रैफिक त्रिगुुण बिसेन ने बताया कि बीएस 3 वाहनों पर सख्ती से कार्रवाई होगी।
बीएस 3 में सभी वाहन आते हैं
गाजियाबाद के एडिशनल डीसीपी ट्रैफिक त्रिगुुण बिसेन ने बताया कि बीएस- 3 में बाइकें, बुलेट बाइक, ट्रक, कार, बसें शामिल हैं। यह वाहन अधिक पुराने हैं। गाजियाबाद में यूपी गेट, आनंद विहार, लोनी बार्डर, सूर्यानगर, अफसरा बार्डर, तुलसी निकेतन, सोनिया विहार से मुख्य प्रवेश करते हैं। गाजियाबाद से दिल्ली की सीमा 44 किमी लंबाई में टच होती है। जबकि नोएडा से दिल्ली की सीमा 6 किमी लंबाई में टच होती है।
वाहन सीज होने पर आसानी से नहीं छूटेंगे
एडिशनल डीसीपी ट्रैफिक त्रिगुुण बिसेन का कहना है कि डीजल से चलने वाले 10 साल और पेट्रोल से चलने वाले 15 साल पुराने वाहन दिल्ली में पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं। एनजीटी का आदेश सख्ती से लागू किया जा रहा है। ऐसे वाहन आते हैं तो पुराने वाहनों को सीज किया जाएगा। दूसरे वाहनों को वापस और चालान रहता है। पांच हजार का एनजीटी का जुर्माना है। शेष फाइन कोर्ट से लगता है। जिसमें जो भी कागजों में कमी होगी उनका अलग से जुर्माना होगा। एक बार यदि वाहन सीज हुआ तो फिर आसानी से नहीं छूट सकेगा।
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