meerut news भाकियू टिकैत गुट के किसानों का धरना मंगलवार को 39 घंटे बाद प्रशासन के आश्वासन पर समाप्त हो गया। सोमवार सुबह शुरू हुआ यह धरना रातभर बारिश में भीगते हुए भी जारी रहा। किसानों का आरोप था कि उन्हें गन्ने का मूल्य लागत से भी कम मिल रहा है और सरकार जबरन स्मार्ट मीटर लगाने की योजना चला रही है।
सोमवार को किसान कमिश्नर से बातचीत पर अड़े रहे। मंगलवार सुबह 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को कमिश्नर कार्यालय बुलाया गया, लेकिन कमिश्नर उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद डीएम वीके सिंह, सीडीओ नूपुर गोयल, एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह, सीएमओ डॉ. अशोक कटारिया और नगर आयुक्त सौरव गंगवार सहित प्रशासनिक अधिकारियों के साथ करीब दो घंटे बैठक हुई, पर कोई ठोस निर्णय नहीं निकल सका।
दोपहर में बिजली समस्याओं के समाधान के लिए सात किसानों का प्रतिनिधिमंडल जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में ऊर्जा भवन जाकर एमडी ईशा दूहन से मिला। करीब एक घंटे चली बातचीत में कुछ समस्याओं का मौके पर समाधान किया गया और बाकी के लिए समय सीमा तय की गई। इसके बाद सीडीओ नूपुर गोयल धरना स्थल पहुंचीं और किसानों का ज्ञापन लिया।
आश्वासन पर खत्म हुआ धरना
भाकियू जिला अध्यक्ष ने बताया कि प्रशासन ने समयबद्ध समाधान का भरोसा दिया है। यदि तय समय में समस्याओं का निस्तारण नहीं हुआ, तो किसान दोबारा धरना देंगे। धरने के दौरान किसान कमिश्नर कार्यालय के बाहर ही खाना बनाकर खाते रहे और बारिश के बावजूद डटे रहे।
किसानों की मुख्य मांगें
-किसानों को यूरिया समय पर और बिना अतिरिक्त दवाएं खरीदने की शर्त के मिले।
-ट्यूबवेल की बिजली फ्री की जाए।
-स्मार्ट मीटर लगाने की योजना रद्द हो।
-गन्ने का मूल्य 450 रुपये प्रति क्विंटल तय किया जाए।
-अब्दुल्लापुर के किसान की मौत पर परिजनों को 6 लाख रुपये और पत्नी को नगर निगम में नौकरी मिले।
-गन्ने का भुगतान 14 दिन में हो।
– तहसीलों में दाखिल-खारिज में रिश्वतखोरी बंद हो।
मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा भूमि कब्जाने पर रोक लगे।

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