Jerusalem News: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को जेरूसलम स्थित अपने कार्यालय में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दामाद और विशेष दूत जेरेड कुश्नर के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। यह बैठक गाजा में चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए अमेरिकी 20-सूत्री योजना को लागू करने पर केंद्रित रही, जिसमें युद्धविराम को स्थायी बनाने और हमास के बंधकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।
बैठक के दौरान, नेतन्याहू और कुश्नर ने गाजा संघर्ष के समाधान के लिए अमेरिकी प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा की। अमेरिकी योजना में गाजा की सुरक्षा को धीरे-धीरे इजरायली सेना से एक बहुराष्ट्रीय सुरक्षा बल को सौंपने का प्रावधान है, हालांकि इजरायल ने तुर्की सैनिकों की भागीदारी का विरोध किया है।
सूत्रों के अनुसार, यह योजना 10 अक्टूबर को लागू हुए युद्धविराम को मजबूत करने और क्षेत्रीय स्थिरता बहाल करने का प्रयास है।
कुश्नर, जो ट्रंप प्रशासन में मध्य पूर्व शांति प्रयासों के प्रमुख थे, रविवार को इजरायल पहुंचे थे। इजरायली अधिकारियों ने पुष्टि की कि बैठक में गाजा के बाकी बंधकों की रिहाई और संघर्ष के बाद की सुरक्षा व्यवस्था पर भी विचार-विमर्श हुआ। नेतन्याहू के कार्यालय ने बैठक की पुष्टि की, लेकिन विस्तृत जानकारी साझा नहीं की।
यह बैठक मध्य पूर्व में शांति प्रक्रिया को गति देने के अमेरिकी प्रयासों का हिस्सा है। गाजा में इजरायली हमलों के कारण फिलिस्तीनी पक्ष ने 69,000 से अधिक मौतों की रिपोर्ट की है, जबकि इजरायल ने हमास के आतंकी हमलों के जवाब में कार्रवाई का हवाला दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि कुश्नर की यात्रा ट्रंप प्रशासन की क्षेत्रीय नीति को मजबूत करने का संकेत है, जिसमें सीरिया और अन्य पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को भी शामिल किया जा सकता है।
सोशल मीडिया पर इस बैठक को लेकर व्यापक चर्चा हो रही है। कई उपयोगकर्ताओं ने इसे ‘शांति की दिशा में सकारात्मक कदम’ बताया, जबकि कुछ ने बहुराष्ट्रीय बल में तुर्की की भूमिका पर सवाल उठाए। बैठक के परिणामों पर नजरें टिकी हैं, जो मध्य पूर्व की भविष्य की राजनीति को प्रभावित कर सकते हैं|

