यह फैसला जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच ने सुनाया। एएनआई ने दावा किया था कि डायनामाइट न्यूज़ ने उसके कॉपीराइटेड कंटेंट का अनधिकृत उपयोग किया है, जिसके चलते सिंगल जज ने एएनआई के पक्ष में कोई अंतरिम राहत प्रदान करने से इनकार कर दिया था। एएनआई ने इस फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा कि एजेंसी का रवैया अनुचित था। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कॉपीराइट कानून के तहत न्यूज़ कंटेंट का उपयोग निष्पक्ष समीक्षा या रिपोर्टिंग के लिए किया जा सकता है, और एएनआई ने पर्याप्त सबूत नहीं दिए।
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के बीच कॉपीराइट विवादों में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। हाल के वर्षों में एएनआई ने कई न्यूज़ चैनलों, यूट्यूबर्स और प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ इसी तरह के मुकदमे दायर किए हैं, जिनमें ओपनएआई और यूट्यूबर मोहक मंगल जैसे मामले शामिल हैं। डायनामाइट न्यूज़ के वकीलों ने कोर्ट का स्वागत किया है, जबकि एएनआई ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।
यह मामला कॉपीराइट एक्ट 1957 की धारा 52 के तहत ‘फेयर डीलिंग’ की अवधारणा को मजबूत करता है, जो समाचार रिपोर्टिंग और आलोचना के लिए कॉपीराइटेड सामग्री के सीमित उपयोग की अनुमति देता है। कोर्ट ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए लौटाया है, जहां मूल मुकदमे पर विचार होगा।

