आमतौर पर एक गरीब व्यक्ति को छोटा सा घर ही बन जाए उसमें सुकून आ जाता है, लेकिन देखिए गरीबों को सपनों का आशियाना बताकर कॉलोनाइजरर्स ने डूब क्षेत्र बेच दिया। प्राधिकरण और प्रशासन से शिकायतें भी की गई लेकिन ढाक के तीन पात ऐसा लग रहा था कि कॉलोनाइजर के साथ सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों की सांठगांठ है। तुम बेच लो बाद में देख लेंगे, जब गरीब लोगों ने अपने खून पसीने की कमाई यहां लगा दी तो पीले रंग के यमराज यानी बुलडोजर लेकर पहुंच गए। विरोध हुआ वापस आ गए, जिसकी किस्मत खराब थी, उसका घर भी ढा दिया। अब देखिए प्राकृतिक विकराल रूप ले रही है। कॉलोनाइजर बड़े बड़े मकान में ऐश की जिंदगी जी रहे है। खून पशीने की कमाई लगाने वाले अपनी जिंदगी की मुसीबत कूट रहे हैं।
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घरो में अब घूसा नदी का पानी
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हिंडन नदी के किनारे बने घरो सैंकड़ों मकानों में पानी घुस गया। बाढ़ से सबसे अधिक छिजारसी और चोटपुर कालोनी प्रभावित हैं। प्रशासन ने हिंडन का जलस्तर और बढ़ने की चेतावनी जारी कर दी है। उधर, यमुना का जलस्तर कम हुआ है, मगर नदी के पानी सात और गांवों में पहुंच गया है। इससे फसल तो डूबी है साथ मकान भी डूबने लगे है। गाजियाबाद बैराज पर हिंडन का जल स्तर डाउनस्ट्रीम 201.15 मीटर रहा। जबकि मंगलवार को जल स्तर 201.10 मीटर रहा था। हालांकि हिंडन में पानी के बहाव में कमी आई है। बैराज से 26335 क्यूसेक पानी छोड़ जा रहा है। उसके बाद भी बाढ़ का पानी लगातार घरों में घुसता जा रहा है। सबसे अधिक चोटपुर, छिजारसी, हैबतपुर, तिगरी, युसुफपुर चकशाहबेरी व कुलेसरा गांव प्रभावित हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को घरों से बाहर निकाल कर आश्रय स्थलों में ठहराया जा रहा है।
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प्रशासन और एनडीआरफ की कई टीम तैनात
बाढ़ क्षेत्र में प्रशासन और एनडीआरएफ की कई टीम के साथ पुलिस बल तैनात किया गया। लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं है। साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में जाने, सेल्फी लेने, नहाने और घूमने पर रोक लगा दी है। जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि अभी तक स्थिति पूरी तरह काबू में है और किसी तरह की बाढ़ से अनहोनी नहीं हुई है। बाढ़ में फंसे एक-एक लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ, पुलिस बल और अन्य दल लगा रखे हैं। बृहस्पतिवार के बाद स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है।