ब्रिटिश सरकार ने मानव तस्करी गिरोहों पर लगाए प्रतिबंध, अवैध प्रवासियों की तस्करी पर किया कड़ा प्रहार

British Government/London News: ब्रिटेन की लेबर सरकार ने मानव तस्करी (पीपल स्मगलिंग) करने वाले आपराधिक गिरोहों के खिलाफ ऐतिहासिक कदम उठाते हुए नया वैश्विक प्रतिबंध व्यवस्था लागू की है। यह दुनिया का पहला ऐसा प्रतिबंध चक्रव्यूह है जो अनियमित प्रवास (इर्रेगुलर माइग्रेशन) को बढ़ावा देने वाले गिरोहों और उनके सहयोगियों को सीधे निशाना बनाता है। विदेश मंत्री डेविड लैमी ने इसे ‘गिरोहों को कुचलने’ का हथियार बताया है, जो असुरक्षित लोगों की जान जोखिम में डालकर मुनाफा कमाने वालों को सबक सिखाएगा।

जनवरी 2025 में घोषित इस व्यवस्था को जुलाई में पूरी तरह सक्रिय किया गया। इसके तहत 23 जुलाई को 25 से अधिक व्यक्तियों और एक कंपनी पर प्रतिबंध लगाए गए, जिनमें उत्तर अफ्रीका और बाल्कन क्षेत्र के ‘गैंगलैंड बॉस’, नकली पासपोर्ट सप्लायर, छोटी नावों के आपूर्तिकर्ता और हवाला बैंकिंग सिस्टम के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करने वाले मध्यस्थ शामिल हैं। इनमें चीन की एक कंपनी भी है जो ऑनलाइन छोटी नावें बेचती है, जो स्पष्ट रूप से मानव तस्करी के लिए इस्तेमाल होती हैं। प्रतिबंधों के प्रभाव में इनके यूके में मौजूद संपत्तियों को फ्रीज कर दिया गया है, ब्रिटेन में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है और ब्रिटिश वित्तीय प्रणाली से उन्हें काट दिया गया है।

प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने सत्ता संभालते ही पूर्व कंजर्वेटिव सरकार की रवांडा डिपोर्टेशन नीति को रद्द कर गिरोहों को नष्ट करने पर जोर दिया था। आंतरिक मंत्री यवेट कूपर ने कहा, “ये गिरोह असुरक्षित लोगों की उम्मीदों का शोषण कर रहे हैं। हम उनके वित्तीय स्रोतों को सूखा देंगे, ताकि वे संचालन न कर सकें।” नेशनल क्राइम एजेंसी (एनसीए) के महानिदेशक ग्रेम बिगर ने भी कहा कि यह नई शक्तियां गिरोहों की क्षमता को कमजोर करेंगी।

हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ये प्रतिबंध पूरी तरह प्रभावी तभी होंगे जब अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़े। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के माइग्रेशन ऑब्जर्वेटरी के शोधकर्ता पीटर वॉल्श ने चेतावनी दी कि अधिकांश गिरोह यूके के बाहर संचालित होते हैं और हवाला जैसे अनौपचारिक नेटवर्क पर निर्भर हैं, जहां संपत्ति फ्रीज का असर सीमित हो सकता है। फिर भी, सरकार ने फ्रांस, बेल्जियम, नीदरलैंड्स और जी7 देशों के साथ मिलकर ‘कैलिस ग्रुप’ और ‘एंटी-स्मगलिंग एक्शन प्लान’ जैसे प्रयास तेज किए हैं।

यह कदम ऐसे समय में आया है जब इंग्लिश चैनल पार करने वाले छोटी नावों से अवैध प्रवासियों की संख्या चिंताजनक रूप से बढ़ रही है। 2024 में 37,000 से अधिक लोगों ने यह जोखिम भरा सफर तय किया था, जबकि 2025 के पहले छह महीनों में ही 20,000 से ज्यादा पहुंच चुके हैं – जो पिछले वर्ष की तुलना में 48% अधिक है। इन यात्राओं में दर्जनों मौतें हो चुकी हैं, जो गिरोहों की क्रूरता को उजागर करती हैं।

सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है: “हम जानते हैं कि तुम कौन हो, और दुनिया भर के साझेदारों के साथ मिलकर तुम्हें सजा दिलाएंगे।” आने वाले महीनों में और प्रतिबंध लगाने की योजना है, जिसमें भ्रष्ट विदेशी अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं जो तस्करी में सहायता करते हैं। यह ब्रिटेन की सीमा सुरक्षा को मजबूत करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसमें नई सीमा सुरक्षा विधेयक भी शामिल है।

यह विकास न केवल ब्रिटेन की आंतरिक सुरक्षा को प्रभावित करता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई को नई दिशा दे सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ठीक से लागू हुआ, तो यह गिरोहों के नेटवर्क को जड़ से कमजोर कर देगा।

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