ब्लास्ट और ‘लव जिहाद’ का एंगल

Love Jihad/Education and Patriotism News: दिल्ली में हाल ही में हुए ब्लास्ट की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस घटना पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एक विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने ब्लास्ट को ‘लव जिहाद’ से जोड़ते हुए शिक्षा और राष्ट्रभक्ति पर सवाल उठाए। सरमा के अनुसार, गिरफ्तार किए गए एक डॉक्टर की पुरानी गतिविधियां ‘लव जिहाद’ से जुड़ी हुई थीं, जो कॉलेज के दिनों में हिंदू महिलाओं को फंसाकर मुस्लिम पुरुषों से शादी करवाने और धर्मांतरण कराने में शामिल था।

CM सरमा का पूरा बयान
असम CM ने कहा, “हमें सिखाया गया था कि अगर लोग शिक्षित हो जाएंगे, तो चरमपंथ खत्म हो जाएगा। लेकिन आपने देखा कि शिक्षा उन्हें और खतरनाक बना देती है। डॉक्टर बनने से वे और भी खतरनाक हो जाते हैं। व्यक्ति अपने रंग नहीं बदलता।

जो वंदे मातरम नहीं गा सकते, वे भारतीय नहीं हो सकते। अगर आप भारतीय नहीं बन सकते, तो भारत माता को मां नहीं मान सकते। इसलिए हमें लगातार सतर्क रहना होगा… अगर कोई शिक्षित है और उसके मन में दुष्टता है, तो वह और ज्यादा बम बनाएगा। शिक्षित होने से अच्छे काम की गारंटी नहीं मिलती।

गिरफ्तार डॉक्टरों में से एक ‘लव जिहाद’ में शामिल था। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान वह हिंदू महिलाओं को लुभाकर मुस्लिम पुरुषों से शादी करवाता था और धर्मांतरण कराता था। इसलिए हमें सतर्क रहना होगा। अगर हम ढीले पड़ेंगे, तो कुछ न कुछ हो जाएगा। हमें पहलगाम और दिल्ली से सीखना चाहिए।”

दिल्ली ब्लास्ट की पृष्ठभूमि
दिल्ली पुलिस और एनआईए की जांच के अनुसार, 10नवंबर को दिल्ली के एक व्यस्त इलाके में हुए ब्लास्ट में दो संदिग्ध गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें से एक मेडिकल प्रोफेशनल है। प्रारंभिक रिपोर्ट्स में ब्लास्ट को आतंकी साजिश से जोड़ा जा रहा है, लेकिन आधिकारिक तौर पर ‘लव जिहाद’ का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। जांच एजेंसियां आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) और संभावित अंतरराष्ट्रीय लिंक की पड़ताल कर रही हैं। पहलगाम का जिक्र जम्मू-कश्मीर में हाल की आतंकी घटनाओं से जुड़ा माना जा रहा है।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं
• बीजेपी का समर्थन: असम बीजेपी नेताओं ने CM के बयान को ‘राष्ट्रहित’ में बताया, कहते हुए कि शिक्षा चरमपंथ को नहीं रोकती।
• विपक्ष का विरोध: कांग्रेस और AIMIM ने इसे ‘सांप्रदायिक ध्रुवीकरण’ करार दिया। कांग्रेस नेता ने कहा, “यह जांच को प्रभावित करने की कोशिश है। ब्लास्ट की जांच होनी चाहिए, न कि धर्म आधारित आरोप।”
• सोशल मीडिया पर बवाल: X (पूर्व ट्विटर) पर #LoveJihad और #DelhiBlast ट्रेंड कर रहे हैं। कुछ यूजर्स सरमा के बयान से सहमत हैं, जबकि अन्य इसे ‘इस्लामोफोबिया’ बता रहे हैं।

विशेषज्ञों की राय
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि शिक्षा और चरमपंथ का कोई सीधा संबंध नहीं है, लेकिन रेडिकलाइजेशन प्रोफेशनल्स में भी हो सकता है। ‘लव जिहाद’ को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा है कि यह कानूनी शब्द नहीं है, बल्कि अंतर-धार्मिक विवाहों में सहमति महत्वपूर्ण है।

यह घटना राष्ट्रीय सुरक्षा और सांप्रदायिक सद्भाव पर बहस छेड़ रही है। जांच आगे बढ़ने पर और खुलासे हो सकते हैं।

यहां से शेयर करें