थम्मा ने काली, अश्वत्थामा और विक्रम-बेताल की पौराणिक कथाओं को किया जीवंत, देशभर में nostalgia की आई बाढ़

Thamma News: दिवाली के शुभ अवसर पर रिलीज हुई आयुष्मान खुराना और रश्मिका मंदाना की फिल्म ‘थम्मा’ ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया है, बल्कि भारतीय लोककथाओं और पौराणिक किंवदंतियों को नई जिंदगी दे दी है। काली मां की रक्तबीज से जंग, महाभारत के अमर योद्धा अश्वत्थामा का श्राप और विक्रम-बेताल की नैतिक पहेलियों से प्रेरित यह फिल्म दादी-नानी की गोद में सुनाई जाने वाली कहानियों की याद दिला रही है, जिससे सोशल मीडिया पर nostalgia की लहर दौड़ पड़ी है।

फिल्म के निर्देशक आदित्य सारपोतदार और मैडॉक फिल्म्स के बैनर तले बनी ‘थम्मा’ मैडॉक हॉरर कॉमेडी यूनिवर्स (MHCU) की तीसरी कड़ी है, जिसमें ‘स्त्री’, ‘भेड़िया’ और ‘मुंज्या’ की दुनिया को जोड़ा गया है। आयुष्मान खुराना ने पत्रकार आलोक गोयल का किरदार निभाया है, जो बेताल के काटने से ‘थम्मा’ (बेतालों का सरदार) बन जाता है। रश्मिका मंदाना ने तड़का/तरिका का रोल किया है, जबकि नवाजुद्दीन सिद्दीकी यक्षशान (पहला थम्मा) बने हैं, जो विभाजन की त्रासदी से टूटकर शिकारी बन गया।

पौराणिक कथाओं का शानदार विलय
फिल्म ने भारतीय माइथोलॉजी को हॉलीवुड के वैम्पायर क्लिच से अलग तरीके से पेश किया है:
• काली vs रक्तबीज: मार्कंडेय पुराण और देवी महात्म्य से प्रेरित, जहां रक्तबीज का एक-एक बूंद खून गिरने पर नया राक्षस बन जाता था। काली मां ने उसका रक्त पी लिया और बेतालों को जन्म दिया, जो बुरे खून को सोखने वाले रक्षक बने। फिल्म में यह चक्र violence का प्रतीक है।
• विक्रम-बेताल: बेताल पचीसी की 25 कहानियां, जहां राजा विक्रमादित्य बेताल की पहेलियों से नैतिकता सीखते हैं। ‘थम्मा’ में बेताल मानवों को नैतिक चुनौतियां देते हैं, Doordarshan के 1985 के सीरियल की याद दिलाते हुए।
• अश्वत्थामा: महाभारत में द्रौपदी के पुत्रों की हत्या के लिए भगवान कृष्ण द्वारा अमर श्राप। फिल्म का टाइटल इसी से आया, जहां थम्मा शक्तिशाली लेकिन बोझिल जीवन जीता है।

काली पूजा और दिवाली के समय रिलीज होने से फिल्म का कनेक्शन और गहरा हो गया।

बॉक्स ऑफिस पर धमाल, रिव्यूज में तारीफें
रिलीज के 10वें दिन ‘थम्मा’ ने भारत में 105 करोड़ रुपये नेट कलेक्शन कर लिया है। वर्ल्डवाइड 150 करोड़ के पार पहुंच चुकी फिल्म ने ‘मुंज्या’ को पीछे छोड़ दिया।

सोशल मीडिया पर दर्शक लिख रहे हैं: “दादी की कहानियां सिनेमा में जीवंत!” वरुण धवन के ‘भेड़िया’ कैमियो और भेड़िया vs बेताल फाइट को “2025 की बेस्ट सीन” कहा जा रहा है। आयुष्मान ने कहा, “बचपन में विक्रम-बेताल देखा, यह भारतीय फोकलोर का हिस्सा है।”

पारेश रावल और फैसल मलिक की शानदार कॉमेडी, शानदार VFX और लव स्टोरी ने इसे फैमिली एंटरटेनर बना दिया। पोस्ट-क्रेडिट में ‘शक्ति शालिनी’ का ऐलान!

‘थम्मा’ साबित कर रही है कि भारतीय माइथ्स आज भी प्रासंगिक हैं। क्या आपने देखी? थिएटर में जाइए, nostalgia का मजा लीजिए

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